नई दिल्ली, 10 नवंबर । भारत का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व बैंक, आईएमएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार की आवश्यकता है। ‘जी-20’ संसदों के सम्मेलन में भारत ने कहा है कि इन अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार से इन्हें अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, प्रभावी और विश्वसनीय बनाया जा सकता है।
ब्राजील में इन दिनों ‘जी-20’ संसदों का 10वां सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भी ब्राजील में है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश कर रहे हैं।
राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक ब्राजील में आयोजित ‘जी-20’ संसदों के सम्मेलन में “21वीं सदी की चुनौतियों के अनुकूल वैश्विक शासन के निर्माण में संसद” विषय पर तीसरे कार्य सत्र का आयोजन हुआ।
इस सत्र में भाग लेते हुए उपसभापति हरिवंश ने वैश्विक बहुपक्षीय संस्थाओं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व बैंक, आईएमएफ आदि में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि इन संस्थाओं को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, प्रभावी और विश्वसनीय बनाया जा सके।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने वैश्विक शासन में सुधार के लिए सांसदों की सामूहिक भूमिका का आह्वान किया। ब्राजील में भारत के राजदूत द्वारा भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में रात्रिभोज भी आयोजित किया गया। इस आयोजन में हरिवंश ने ब्राजील के सरकारी अधिकारियों, अन्य देशों के राजनयिकों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को संबोधित किया।
अपने संक्षिप्त भाषण के दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह दोनों देशों के लोकतंत्रों ने सतत विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से एक-दूसरे की मदद की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पी20 शिखर सम्मेलन के दौरान होने वाली चर्चाओं से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए कारगर सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
राज्यसभा सदस्य प्रो. मनोज कुमार झा ने इस दौरान बताया कि किस तरह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे जीवंत लोकतंत्र ने दोनों देशों में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए मिलकर काम किया है और ये स्थायित्व की दिशा में काम कर रहे हैं।
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