नई दिल्ली, 11 नवंबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू डायलॉग आयोजित किया गया था। उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत को अब जल्द ही अमेरिकी युद्धक ड्रोन ‘एमक्यू-9बी’ मिलेगा।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि भारत को ड्रोन क्षमता जल्द से जल्द मिले, इस दिशा में उनकी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। रक्षा जानकारों ने बताया कि अमेरिका के ड्रोन 40,000 फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं। दूर ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता के साथ ही हथियारों से लैस यह ड्रोन खुफिया जानकारी जुटाने और निगरानी के लिए भी आसानी से उपयोग में लाए जा सकते हैं।
रक्षा जानकारों का कहना है कि इसके साथ-साथ इन मानव रहित विमानों का इस्तेमाल एयरबोर्न अर्ली वार्निंग, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, एंटी-सरफेस वॉरफेयर और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में किया जा सकता है। अमेरिका के इन ड्रोन एक बड़ी खूबी यह भी है कि यह सभी ड्रोन किसी भी प्रकार के मौसम से प्रभावित हुए बिना करीब तीस से चालीस घंटे तक की उड़ान एक बार में भर सकते हैं।
ऑस्टिन ने कहा, हमने बैठक के दौरान सुरक्षा चुनौतियों और उत्पन्न खतरे पर चर्चा की, लेकिन पूरी बातचीत केवल इसी मुद्दे पर केंद्रित नहीं रही। एमक्यू-9बी ड्रोन को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, “इस विषय पर आज मुझे कोई नई घोषणा नहीं करनी है। हम सही समय पर इसकी घोषणा करेंगे। हम सब कुछ कर रहे हैं ताकि भारत को यह क्षमता मिले।”
इसके अलावा भारत और अमेरिका एक बख्तरबंद वाहन का सह-उत्पादन करने जा रहे हैं। भारत 31 एमक्यू-9 बी हथियारबंद हंटर किलर ड्रोन की खरीद के लिए अमेरिका को एक औपचारिक अनुरोध पहले ही भेज चुका है। औपचारिक अनुरोध भेजकर भारत मौजूदा वित्तीय वर्ष में अंतिम अनुबंध पूरा कर लेना चाहता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से खरीदे जाने वाले कुल 31 ड्रोन में से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना के लिए, 8 ड्रोन सेना और शेष 8 ड्रोन वायु सेना को मिल सकते हैं। इससे पहले भारत का रक्षा मंत्रालय 31 ‘हंटर-किलर’ ड्रोन के लिए लेटर ऑफ रिक्वेस्ट भेज चुका है।
जानकारी के मुताबिक, बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन जल्द ही अपने विदेशी सैन्य बिक्री प्रोग्राम के तहत अमेरिकी कांग्रेस को लागत और अपेक्षित सूचना के साथ ही एलओए के साथ जवाब देगा।
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