चेटौरौक्स (फ्रांस), मनु भाकर ने पेरिस 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में ऐतिहासिक कांस्य पदक और ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनकर नया इतिहास रचा है। इस मौके पर एनआरएआई के कार्यवाहक अध्यक्ष कलिकेश सिंह देव ने आईएनएस से खास बातचीत की।
कलिकेश सिंह ने कहा कि इस उपलब्धि ने टीम में काफी उत्साह पैदा किया है और भारतीय निशानेबाज आने वाले दिनों में और पदक जीतेंगे।
अपने पदक के साथ, 22 वर्षीय मनु ओलंपिक खेलों में आरवीएस राठौर (2004), अभिनव बिंद्रा (2008), गगन नारंग (2012) और विजय कुमार (2012) के बाद पदक जीतने वाली पांचवीं भारतीय निशानेबाज बन गईं।
भारत की पेरिस खेलों में निशानेबाजी में पदक के साथ शानदार शुरुआत के इस मौके पर एनआरएआई के कार्यवाहक अध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव ने आईएएनएस से खास बातचीत की।
साक्षात्कार की मुख्य बातें:
प्रश्न: मनु भाकर ने कांस्य पदक जीता, आप इस उपलब्धि को कैसे देखते हैं?
उत्तर: यह पेरिस में भारत का पहला पदक है और निशानेबाजी में 12 साल बाद आया है। इस सफलता ने टीम में उत्साह पैदा किया है। हमारा प्रदर्शन सराहनीय था। मिश्रित टीम छठे स्थान पर रही, जिसमें पिस्टल शूटर सरबजोत केवल एक अंक से फाइनल से चूक गए। अगले कुछ दिनों में, हमारे पास बेहतर प्रदर्शन की मजबूत संभावनाओं के साथ कई और इवेंट हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार पेरिस ओलंपिक में हमारा निशानेबाजी दल बेहतरीन प्रदर्शन करेगा।
प्रश्न: मनु के कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय टीम का माहौल कैसा है?
उत्तर: हमारे निशानेबाज वाकई उत्साहित हैं। दो निशानेबाजों ने अपने-अपने इवेंट में फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है और मुझे उम्मीद है कि वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
प्रश्न: आपको क्या लगता है, क्या मनु अपनी बाकी इवेंट में पदक का रंग बदल पाएगी?
उत्तर: मनु 0.1 अंक से रजत पदक से चूक गई और यह खेल का भाग्य है। यह निशानेबाजी खेलों में अक्सर होता है। मनु ने टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक अभियान के बाद कमबैक करते हुए मानसिक रूप से मजबूत प्रदर्शन किया। मुझे विश्वास है कि वह अपनी अगली दो स्पर्धाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
प्रश्न: टोक्यो में प्रदर्शन खराब रहा, एनआरएआई और निशानेबाजों के लिए वह दौर कितना मुश्किल था?
उत्तर: ओलंपिक एक उच्च दबाव वाला मंच है और निशानेबाजी एक अत्यधिक चुनौतीपूर्ण खेल है। देश को निशानेबाजी के खेल से बहुत उम्मीदें हैं। एशियाई खेलों में भारत ने सबसे ज्यादा पदक जीते, जिससे ओलंपिक में हमारे निशानेबाजों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस बार सरकार ने काफी मदद की है।
एनआरएआई और निशानेबाजों ने अच्छा माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है और अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
हमारे निशानेबाज वाकई प्रतिभाशाली और मेहनती हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले दिनों में भारतीय निशानेबाज और ज्यादा पदक जीतेंगे।
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