मोहाली, 5 मार्च
फतेहगढ़ साहिब के संघोल की रहने वाली अमरजीत कौर (80) को पांच दशक के संघर्ष के बाद पारिवारिक पेंशन मिली।
उसके मामले की सुनवाई सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) चंडीगढ़ में ओए 154/2017 के तहत हो रही थी। उनके दिवंगत पति कॉर्पोरल बलदेव एस गोराया ने 14.3.1956 से 25.6.66 (10 वर्ष) तक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में सेवा की थी और उन्हें आरक्षित सूची में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह निर्देशों के अनुसार नियमित रूप से सभी प्रशिक्षण कर्तव्यों में भाग लेता रहा और 14 वर्ष और 22 दिनों की पेंशन योग्य सेवा पूरी कर चुका था, जब उसे बिना पेंशन के उसकी इच्छा के विरुद्ध छुट्टी पर घर भेज दिया गया था। बलदेव का निधन 5.9.2002 को हुआ।
कौर के वकील आरएन ओझा ने कहा, ‘गोरया को उनकी मर्जी के खिलाफ घर भेजा गया था, नहीं तो वह पेंशन के लिए 15 साल की सेवा पूरी कर सकते थे।
उन्हें जानबूझकर इस अवसर से वंचित कर दिया गया और IAF ने राष्ट्र के लिए उनकी 14 साल की समर्पित सेवा को बर्बाद कर दिया। 16 दिसंबर, 2022 को कौर के पक्ष में फैसला सुनाया गया।

