September 21, 2024
America World

भारतीय व अमेरिकी अंतरिक्ष अधिकारियों ने मानव अंतरिक्ष अन्वेषण पर की चर्चा

न्यूयॉर्क, अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार वाशिंगटन में दो दिवसीय बैठक में भारतीय और अमेरिकी अंतरिक्ष अधिकारियों ने मानव अंतरिक्ष अन्वेषण पर चर्चा की। सोमवार और मंगलवार को यूएस-इंडिया सिविल स्पेस ज्वांइंट वकिर्ंग ग्रुप (सीएसजेडब्ल्यूजी) की आठवीं बैठक में चर्चा में पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान के साथ-साथ वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली, अंतरिक्ष उड़ान सुरक्षा और अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता, और नीतियों के लिए सहयोग शामिल था।

बैठक की सह-अध्यक्षता अमेरिका की ओर से राज्य के प्रधान उप सहायक सचिव जेनिफर आर. लिटिलजॉन और नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर करेन फेल्डस्टीन और भारतीय पक्ष से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटावडेकर ने की।

नासा-इसरो सहयोग का एक आकर्षण सिंथेटिक एपर्चर रडार (एनआईएसएआर) मिशन है, जिसकी योजना अगले वर्ष के लिए बनाई गई है।

जल, जंगल और कृषि जैसे संसाधनों की निगरानी के लिए दो अलग-अलग रडार आवृत्तियों का उपयोग करके व्यवस्थित रूप से पृथ्वी का नक्शा बनाने की उम्मीद है।

यह वानिकी, कृषि और पारिस्थितिकी में अनुप्रयोगों के साथ पारिस्थितिक तंत्र, पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक खतरों, समुद्र के स्तर में वृद्धि और क्रायोस्फीयर, पृथ्वी के जमे हुए हिस्सों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

नासा के अनुसार यह प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के लिए त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने में भी मदद करेगा।

नासा के प्रमुख बिल नेल्सन और राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद के कार्यकारी सचिव, चिराग पारिख ने बैठक के लिए स्वागत भाषण दिया और बैठक में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और तरणजीत सिंह संधू ने बात की।

मानव अंतरिक्ष अन्वेषण पर सहयोग पर चर्चा का विवरण जारी नहीं किया गया।

जबकि सऊदी अरब सहित कई देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने नासा के अंतरिक्ष मिशनों पर उड़ान भरी है, लेकिन भारत से कोई भी नहीं है, जिसकी गगनयान अंतरिक्ष यान पर अगले साल की शुरुआत में मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान शुरू करने की योजना है।

मिशन के लिए एक समझौते के तहत रूस में वायुसेना के चार लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षित किया गया है।

गौरतलब है कि अंतरिक्ष में जाने वाले एकमात्र भारतीय नागरिक राकेश शर्मा हैं, जिन्होंने 1984 में सोवियत सोयुज मिशन पर उड़ान भरी थी।

Leave feedback about this

  • Service