जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई सख्त कदम उठाए, जिसमें 1960 सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रद्द करना भी शामिल है। इसी बीच सीपीआई (एमएल) के राष्ट्रीय महासचिव एवं पार्टी प्रवक्ता दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद केंद्रित कार्रवाई करने की बात कही।
1960 सिंधु जल समझौते को रद्द करने के बाद पाकिस्तान के नागरिकों में पैनिक होने के सवाल पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “हमारी पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। पानी को लेकर बहुत सारे एक्सपर्ट बात कर रहे हैं। वे इस पर बोल रहे हैं कि पानी को रोकना संभव है। उससे क्या फर्क पड़ने वाला है। अगर पाकिस्तान पर इसका कोई असर पड़ रहा है, तो निश्चित तौर पर वहां पर लोग इस पर बात करेंगे। मुझे लगता है कि सरकार को आतंकवाद के ऊपर केंद्रित कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, जो दोनों देशों के बीच तनाव और असुरक्षा बढ़ाए, लोगों को बेवजह मुसीबत में डाले।”
आतंकवाद को पनपने के लिए माहौल नहीं दिए जाने की बात करते हुए उन्होंने कहा, “दोनों देशों में असंतोष का माहौल है, नफरत और विभाजन का माहौल हो, ऐसे ही माहौल में आतंकवाद पनपता है। हम चाहते हैं कि आतंकवाद को ऐसा कोई माहौल नहीं मिले। आतंकवाद को कहीं कोई छूट नहीं मिले। दोनों देशों के बीच में आतंकवाद के खिलाफ एक राजनीतिक संकल्प हो। आतंकवाद से पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों परेशान है। कोई देश ऐसा नहीं हो सकता है कि आतंकवाद से उसे कोई परेशानी नहीं हो। आतंकवाद एक ग्लोबल सवाल है, जिसे लेकर दुनिया के हर हिस्से में लोग सजग हैं। इस पर कार्रवाई हो रही है और दक्षिण एशिया में भी आतंकवाद नहीं पनपना चाहिए।”