November 23, 2024
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सिंगापुर में युवा लड़कियों से छेड़छाड़ के आरोप में भारतीय को जेल

सिंगापुर, सिंगापुर में दो किशोरियों से छेड़छाड़ के आरोप में 44 वर्षीय एक भारतीय व्यक्ति को तीन महीने से अधिक जेल की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। द टुडे अखबार की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी सुशील कुमार को शुक्रवार को दोनों मामलों में दोषी ठहराया गया।

कुमार का पहला मामला तीन महीने पहले सामने आया था, जब उन्होंने एमआरटी स्टेशन के पास दिनदहाड़े 14 वर्षीय लड़की से छेड़छाड़ की थी।

पिछले साल दो अगस्त को पीड़िता बून केंग एमआरटी स्टेशन से घर जा रही थी, जब कुमार उससे बात करने के लिए उसके सामने रुका।

उप लोक अभियोजक डेलिसिया टैन के हवाले से कहा गया है कि जब उसने सोचा कि वह उससे एमआरटी स्टेशन के लिए दिशा-निर्देश पूछ रहा है, तो कुमार ने उसकी सहमति के बिना उसको अपनी बाहों में लपेट लिया।

इसके बाद, उसने एक और अनजान लड़की को निशाना बनाया, उसे उसने बिना सहमति के छुआ और उसके प्रति अपने प्यार का इजहार किया।

दोनों अवसरों पर उसने लड़कियों से उनका मोबाइल फोन नंबर मांगा, उन्हें चूमा व गले लगाया।

बाद में उसने अपने मोबाइल लड़कियों के साथ सेल्फी ली।

कुमार ने पूछा कि क्या वह उनके साथ खाना खाना चाहेगी। उसने उन्हें पैसे देने की भी पेशकश की।

लड़की के घर भाग जाने और अपनी मां को घटना के बारे में बताने के बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

जांच से पता चला कि कुमार ने लड़की को दो व्हाट्सएप संदेश भेजे, उसे दो बार वीडियो-कॉल किया और दो इमोजी वाला एक और टेक्स्ट संदेश भेजा।

आरोपी को शिकायत के बाद अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया और एक दिन बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इस घटना के तीन महीने बाद, कुमार ने लिफ्ट के अंदर 19 वर्षीय लड़की की बांह को अनुचित तरीके से छुआ।

टुडे के अनुसार, कुमार ने भयभीत लड़की से बार-बार कहा कि वह उससे प्यार करता है और दो बार उसे चूमा।

पुलिस द्वारा लिफ्ट से निगरानी फुटेज एकत्र करने के बाद कुमार का पता लगाया गया और 8 नवंबर, 2022 को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।

जिला न्यायाधीश पॉल चैन ने सजा सुनाते हुए कहा कि उन्होंने कुमार के बचाव को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि जो व्यक्ति वास्तव में पश्चाताप करता है वह कुछ महीने बाद वही अपराध दोबारा नहीं करेगा।

टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश ने कहा कि कुमार का व्यवहार शर्मनाक है।

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