कोलकाता, 2 नवंबर । ‘छठ’ के पर्व से पहले पूर्वांचल और बिहार के लिए कई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इस बीच पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने रेलवे की ओर से ‘छठ’ के पर्व को लेकर की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी।
पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “पूरे भारत में इस बार करीब 7,200 ट्रेनें चलाई जा रही हैं और पूर्वी रेलवे में रोजाना कई ‘छठ’ स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। 3 नवंबर को भागलपुर से उधना, भागलपुर से आनंद विहार के बीच एक-एक स्पेशल ट्रेन चलेगी। इसके अलावा भागलपुर से आनंद विहार के बीच एक ट्रेन आज रवाना होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “सियालदाह से भी कई स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं। इसके अलावा एक स्पेशल ट्रेन कोलकाता से लुधियाना के बीच चलेगी, जिसके रूट में आसनसोल, लखनऊ रेलवे स्टेशन पर पड़ेगा। साथ ही कोलकाता से सहरसा के बीच आज भी एक ट्रेन चलाई गई है।”
सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने बताया कि ‘छठ’ के पर्व के मद्देनजर रेलवे की ओर से अन्य जरूरी इंतजाम किए गए हैं। साथ ही यात्रियों की सुविधा का भी ख्याल रखा जा रहा है। यात्रियों से अपील की गई है कि वह पटरियों पर न जाएं और अपने सामान की रक्षा करें।
वहीं, रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार ट्रेनों की संख्या में इजाफा किया गया है। इस बार 7,200 ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जबकि पिछली बार 4,500 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था। पिछली बार के मुकाबले इस बार रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों की संख्या में 60 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की है।
उन्होंने आगे कहा, “अक्टूबर में रेलवे ने 380 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं। वर्तमान समय में रोजाना करीब 150 से 200 स्पेशल ट्रेनों को चलाया जा रहा है। शुक्रवार को 164 ट्रेनों का परिचालन देश के अलग-अलग शहरों से हुआ है और आज 168 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई थी। इसके अलावा जिन स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या अधिक होती है, उसके बाद वहां से भी कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाता है। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर स्पेशल ट्रेनों की कितनी जरूरत होती है, इसके आधार पर भी ट्रेनों को चलाया जाता है।”
अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा का भी पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है। सभी बड़े स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाया है, इस पूरी व्यवस्था को चार स्तरीय लेवल पर देखा जा रहा है। रेलवे बोर्ड का अपना कंट्रोल रूम है और यहां से हीं ऑफिसर्स द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। ये टीम सभी स्टेशनों से फीडबैक ले रही है और उसी के आधार पर निर्णय लिया जा रहा है।
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