April 2, 2025
Uttar Pradesh

भारतीय काल गणना, सबसे प्राचीन, वैज्ञानिक और प्रकृति के अनुरूप है : गोपालराव

Indian time calculation is the oldest, scientific and in accordance with nature: Gopalrao

लखनऊ, 1 अप्रैल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छह प्रमुख उत्सवों में से एक ‘वर्ष प्रतिपदा’ रविवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित कारसेवकपुरम में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर श्रीराम मंदिर के व्यवस्था प्रभारी और संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता गोपालराव ने भारतीय काल गणना की सटीकता पर प्रकाश डाला।

गोपालराव ने इसे सबसे प्राचीन, वैज्ञानिक और प्रकृति के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय काल गणना न केवल सटीक है, बल्कि यह ऋतु परिवर्तन, चंद्र एवं सौर गति के अनुसार चलती है। भारतीय पंचांग में तिथियों, नक्षत्रों और योगों का विस्तृत उल्लेख होता है, जिससे कृषि, धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों की सही तिथि ज्ञात की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि पहले विदेशी कैलेंडर केवल दस महीनों का था, लेकिन भारतीय गणना से प्रेरित होकर उन्होंने दो और महीने (जुलाई और अगस्त) जोड़कर 12 महीनों वाला कैलेंडर तैयार किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह प्रमुख उत्सवों में से ‘वर्ष प्रतिपदा’ का दिन केवल हिंदू नववर्ष का प्रतीक नहीं है, बल्कि इस दिन संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म भी हुआ था।

उन्होंने कहा कि वर्ष प्रतिपदा भारतीय संस्कृति और सभ्यता की महानता का प्रतीक है। यह पर्व केवल एक नववर्ष का आरंभ नहीं, बल्कि सनातन परंपराओं और भारतीय ज्ञान-विज्ञान की उत्कृष्टता को आत्मसात करने का अवसर है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मनाए जाने वाले इन उत्सवों के माध्यम से भारतीय समाज में राष्ट्रभक्ति, समरसता और संस्कृति के प्रति जागरूकता निरंतर बढ़ रही है।

डॉ. हेडगेवार के व्यक्तित्व और उनके राष्ट्रप्रेम पर प्रकाश डालते हुए गोपालराव ने कहा कि वह बचपन से ही देशभक्त थे। मात्र नौ वर्ष की आयु में उन्होंने गुलामी का प्रतीक समझकर स्कूल में बांटी गई मिठाइयों को कूड़े में फेंक दिया था। दसवीं कक्षा में उन्होंने वंदे मातरम् का उद्घोष किया और अन्य सहपाठियों को प्रेरित कर दिया, जिससे निरीक्षण के लिए आए अधिकारी को वापस लौटना पड़ा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह उत्सवों में वर्ष प्रतिपदा प्रमुख है, जो हिंदू नववर्ष का आरंभ और संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार के जन्मदिवस से जुड़ा है। इसी तरह से गुरु पूर्णिमा, संघ कार्य में गुरुत्व का महत्त्व प्रतिपादित करने वाला दिन है, तो रक्षाबंधन समाज में समरसता और आत्मीयता का प्रतीक है, विजयादशमी शक्ति एवं संगठन के प्रतीक के साथ संघ की स्थापना का दिवस भी है। इसके अलावा मकर संक्रांति भी संघ के पर्वों में से एक है, जो उत्तरायण का आरंभ, जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करने वाला माना जाता है। हिंदू साम्राज्य दिवस एक प्रमुख उत्सव है।

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