June 28, 2025
National

भारत का टीकाकरण कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर एक मिसाल, जीरो-डोज बच्चों की संख्या भी घटी: केंद्र

India’s vaccination program is an example globally, the number of zero-dose children has also decreased: Center

लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में भारत को उन आठ देशों में शामिल किया गया, जहां जीरो-डोज बच्चे (यानी वे बच्चे जो नियमित टीके से वंचित हैं) की संख्या अधिक है।

केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत की बड़ी आबादी और वैक्सीनेशन रेट को ध्यान में रखना जरूरी है। सरकार ने बताया कि भारत का टीकाकरण कवरेज वैश्विक औसत से बेहतर है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत ने टीकाकरण में उल्लेखनीय प्रगति की है। साल 2023 में डिप्थीरिया-टेटनस-पर्टुसिस (डीटीपी) टीके की पहली खुराक (पेंटा-1) का कवरेज 93 प्रतिशत रहा, जिसमें 2.65 करोड़ शिशुओं में से 2.47 करोड़ को टीका लगा। यह नाइजीरिया के 70 प्रतिशत की तुलना में काफी अधिक है।

डीटीपी-1 से डीटीपी-3 तक ड्रॉपआउट दर 2013 में 7 प्रतिशत से घटकर साल 2023 में 2 प्रतिशत हो गई। खसरे के टीके का कवरेज भी 2013 के 83 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 93 प्रतिशत हो गया।

साल 2023 के डब्ल्यूयूईएनआईसी रिपोर्ट के मुताबिक, जीरो-डोज बच्चों की संख्या भारत की कुल आबादी का 0.11 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 0.06 प्रतिशत हो गई। यह यमन (1.68 प्रतिशत), सूडान (1.45 प्रतिशत), अंगोला (1.1 प्रतिशत), अफगानिस्तान (1.1 प्रतिशत), नाइजीरिया (0.98 प्रतिशत), डीआर कांगो (0.82 प्रतिशत), इथियोपिया (0.72 प्रतिशत), इंडोनेशिया (0.23 प्रतिशत), और पाकिस्तान (0.16 प्रतिशत) से काफी कम है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी और टीकाकरण दर को नजरअंदाज कर तुलना करना गलत है।

लैंसेट अध्ययन के अनुसार, साल 2023 में विश्व के 1.57 करोड़ गैर-टीकाकृत बच्चों में से आधे से अधिक आठ देशों में थे, जिनमें भारत भी शामिल है। लेकिन भारत ने पोलियो (2014) और मातृ-नवजात टेटनस (2015) को खत्म करने के साथ-साथ 2025 में खसरा-रूबेला अभियान शुरू कर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

मंत्रालय ने बताया कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर एक मिसाल है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र की 2024 की रिपोर्ट में भी स्वीकार किया गया है।

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