अभिनेत्री इंदिरा कृष्णा बुधवार को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर पहुंचीं, जहां उन्होंने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। अभिनेत्री ने कहा कि सावन का पवित्र महीना इस तीर्थ स्थल पर आने का सबसे उत्तम समय है।
मां विंध्यवासिनी, जो मां दुर्गा का एक रूप हैं, इस मंदिर में विराजमान हैं।
इंदिरा ने कहा, “विंध्याचल मंदिर से मेरा खास जुड़ाव है। यहां आकर मुझे शांति मिली और काफी अच्छा लगा। यहां आकर अपने भीतर की खोज करने का भी अवसर मिलता है। मां विंध्यवासिनी ने महिषासुर राक्षस का वध करने के बाद इस स्थान को अपनी साधना स्थली के तौर पर चुना था। यह कहानी बुराई पर अच्छाई और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। यह नारी शक्ति को दिखाती है और बताती है कि महिलाएं शक्तिशाली योद्धा भी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह स्थान समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति को समझने में मदद करता है। विंध्याचल 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां माना जाता है कि माता सती के शरीर के अंग गिरे थे। इंदिरा ने अपने परिवार और शुभचिंतकों के लिए सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, “सावन का महीना, जो भगवान शिव को समर्पित है, यहां आने का सबसे शुभ समय है।”
इंदिरा ने विंध्याचल की प्राकृतिक सुंदरता की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ” विंध्याचल की प्राकृतिक सुंदरता मनमोहक है। पहाड़ों से गंगा नदी का मनोरम दृश्य दिखता है। यहां की खूबसूरती इस स्थान को और भी खास बनाते हैं। पास ही बहने वाली गंगा नदी और मां अष्टभुजा देवी मंदिर इस क्षेत्र को आध्यात्मिक और दृश्यात्मक रूप से समृद्ध करते हैं।”
अभिनेत्री ‘कृष्णाबेन खाखरावाला’, ‘कृष्णदासी’, ‘कहानी घर-घर की’, ‘ये है चाहतें’ और ‘सावी की सवारी’ जैसे धारावाहिकों का हिस्सा रह चुकी हैं।
हाल ही में इंदिरा ने ‘दुर्गा : अटूट प्रेम कहानी’ में पान बाई की नकारात्मक भूमिका में नजर आई थीं। वह जल्द ही सरगुन मेहता और रवि दुबे के प्रोडक्शन में बनने वाले धारावाहिक ‘गंगा माई की बेटियां’ में नजर आएंगी।
इसके अलावा, वह नितेश तिवारी की अपकमिंग फिल्म ‘रामायण’ में रानी कौशल्या की भूमिका में दिखेंगी, जिसमें रणबीर कपूर भगवान राम, साई पल्लवी माता सीता और ‘केजीएफ’ स्टार यश लंकापति रावण के किरदार में हैं।
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