मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाले संजय गुप्ता ने आज यहाँ कहा कि प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को समय का पाबंद होना होगा और पद छोड़ने से पहले मुख्यमंत्री, मंत्रियों और मुख्य सचिव को सूचित करना होगा। उन्होंने वित्तीय सूझबूझ और सामान्य अनुशासन को अपनी प्राथमिकता बताया।
मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार संभालते हुए गुप्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए हैं कि फाइलों का निपटारा तुरंत किया जाए। उन्होंने मुझे 15 दिन या एक महीने में समीक्षा करने और उन्हें सूचित करने को कहा है कि कौन काम नहीं कर रहा है। मैं व्यक्तिगत रूप से अपने सहयोगियों के लिए एक मिसाल कायम करूँगा।”
राज्य की वित्तीय स्थिति पर गुप्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय वित्तीय संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, “अगले पाँच-छह महीने हमें वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और हमें उसी के अनुसार काम करना होगा। हालाँकि, अगले दो साल राज्य के लिए आर्थिक रूप से अनुकूल रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि वे धन और संसाधनों की बर्बादी को कम करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने आगे कहा, “हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में मेरे अनुभव से, अगर हम सरकारी व्यवस्था में बर्बादी रोक दें, तो हम अपना घाटा कम कर सकते हैं।”
गुप्ता ने कहा, “बिजली बोर्ड जैसे संगठन को कभी घाटा नहीं उठाना चाहिए था, लेकिन हमारे अधिकारियों ने इसे घाटे में जाने दिया। बिजली बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान, हमने संगठन का कायाकल्प किया और 15 महीनों में 500 करोड़ रुपये कमाए। हमने कुछ खास नहीं किया, बस बर्बादी कम की।”
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