रांची, 13 अगस्त । झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य के विभिन्न जिलों में चल रही चौकीदारों की नियुक्ति प्रक्रिया में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को आरक्षण से वंचित करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर जिलों में अनुसूचित जाति का आरक्षण शून्य कर दिया गया है। इस बात की ओर बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बाद भी सरकार उनका हक छीनने पर आमादा है। चौकीदारों की बहाली के लिए अलग-अलग जिलों में जो विज्ञापन निकाले जा रहे हैं, उसमें यह बात स्पष्ट नहीं की जा रही है कि किस बीट की सीट किस वर्ग के लिए आरक्षित है। यह युवाओं के साथ धोखा है। जो युवा बहाली का आवेदन फॉर्म भरेंगे, उनके बीट की सीट अनारक्षित हुई या फिर वह जिस कोटि से आते हैं, उसके लिए आरक्षण नहीं होगा तो फॉर्म भरने में उसके पैसे तो बर्बाद होंगे ही, बहाली का अवसर भी उसके हाथ से निकल जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कई स्थानों पर चौकीदारों की मृत्यु के बाद उनके आश्रित या परिजन की अनुकंपा पर बहाली होनी चाहिए, लेकिन उनका भी हक छीना जा रहा है। उनकी सीटों पर भी खुली बहाली निकाल दी गई है।
बाउरी ने 1870 में बने ‘चौकीदारी मैनुअल’ का हवाला देते हुए कहा कि इसमें 100 से लेकर 120 घरों के लिए एक बीट तय कर चौकीदार बहाल किए जाते थे। यह बहाली वर्ष 2024 में हो रही है, लेकिन बीट वही हैं, जो उस वक्त निर्धारित हुए थे। अगर 1870 का मैनुअल फॉलो किया जा रहा है तो 100 से लेकर 120 घरों के आधार पर एक बीट का सृजन होना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग का निर्धारण भी 1870 के आधार पर ही किया गया है, जबकि उसके बाद अनुसूचित जाति की जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है। कई नई जातियों को भी इस बीच अनुसूचित जाति कोटि में शामिल किया गया है, लेकिन सरकार को उनके हितों का भी ध्यान नहीं है। उन्होंने ऐसी तमाम विसंगतियों को दूर किए जाने तक बहाली की प्रक्रिया स्थगित करने की मांग की है।
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