फोरेंसिक सेवाओं की निदेशक मीनाक्षी महाजन ने आज फोरेंसिक विशेषज्ञों को आधुनिक अपराध मामले के विश्लेषण के लिए एआई-आधारित पद्धतियों को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया, उन्होंने कहा कि एआई फोरेंसिक दक्षता में उल्लेखनीय सुधार करेगा और अपराध जांच में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
उन्होंने यह बात शिमला के जुन्गा स्थित फोरेंसिक सेवा निदेशालय में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘फोरेंसिक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता – आपराधिक जांच के लिए भविष्य का रोडमैप’ के दौरान कही।
फोरेंसिक सेवा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम ने फोरेंसिक विज्ञान में एआई अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी प्रदान की और साइबर अपराध विश्लेषण, चेहरे की पहचान, डिजिटल फोरेंसिक, भाषण विश्लेषण, दस्तावेज़ सत्यापन, फिंगरप्रिंट विश्लेषण और डीएनए मिलान में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एआई-संचालित विधियाँ अपराध जांच में सटीकता और दक्षता बढ़ा सकती हैं।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम फोरेंसिक पेशेवरों को उन्नत एआई-संचालित तकनीकों से लैस करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगा, जिससे राज्य में फोरेंसिक क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी।