हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में राज्य भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी को दी गई अंतरिम सुरक्षा आज आठ जुलाई तक बढ़ा दी।
अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ाते हुए न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह जमानत याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें तथा मामले को 8 जुलाई के लिए विचारार्थ सूचीबद्ध कर दिया तथा आगे नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
अदालत ने इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए बिंदल और सुखराम चौधरी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश पारित किया।
मामले के तथ्यों के अनुसार, इन दोनों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और माजरा पुलिस स्टेशन, पावंटा साहिब के सामने एकत्र हुए। बाद में, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 109 (हत्या का प्रयास) भी जोड़ दी।
कथित घटना तब हुई जब 4 जून को कीरतपुर गांव का एक 19 वर्षीय युवक माजरा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक नजदीकी गांव की एक दूसरे धर्म की 18 वर्षीय युवती के साथ भाग गया।
लड़की के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो स्थानीय लोगों ने “अपहरणकर्ता” के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने 13 जून 2025 को पुलिस स्टेशन माजरा, जिला सिरमौर में धारा 299, 132, 191(2), 191(3), 190, 351(2), 115(2), 121(1) और बीएनएस की 109 के तहत एफआईआर नंबर 97/2025 दर्ज किया।