पलवल, 16 जून जिले के करीब 100 गांवों में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति में कमी के कारण खेती-किसानी पर प्रतिकूल असर पड़ा है। भीषण गर्मी के कारण खेत सूख गए हैं, जिससे फसलों के सूखने का खतरा पैदा हो गया है।
100 गांव प्रभावितजिले के कुल 280 गांवों में से 100 गांव सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर हैं क्योंकि वहां भूजल खारा है। इन गांवों के सामने अब बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। महावीर सिंह मलिक, सेवानिवृत्त अधिकारी, कृषि विभाग
सूत्रों के अनुसार, जिले से गुजरने वाली आगरा और गुरुग्राम नहरों से जुड़ी माइनरों (जल चैनलों) में पानी की उपलब्धता पिछले दो सप्ताह में बहुत कम हो गई थी, जिसके परिणामस्वरूप यह संकट पैदा हो गया।
उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा नियंत्रित आगरा नहर में आपूर्ति में कमी के कारण कई इलाकों में जल चैनल सूख गए हैं। सूत्रों का दावा है कि पिछले एक साल से 800 क्यूसेक की मांग के मुकाबले आपूर्ति लगभग 250 क्यूसेक थी, जो अब काफी कम हो गई है। जिले में करीब 1.07 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है।
हथीन के सामाजिक कार्यकर्ता गजराज आर्य कहते हैं, “हालांकि लगभग 40 माइनर या चैनल जिले के अंतिम छोर और पड़ोसी नूह जिले तक पानी पहुंचाते हैं, लेकिन पानी की खराब उपलब्धता चिंता का विषय बनी हुई है।”
उन्होंने कहा कि सफाई का काम देरी से शुरू हुआ, जबकि यह काम मार्च या अप्रैल में शुरू होना चाहिए था, जिससे समस्या और बढ़ गई है। मानपुर गांव के जोगिंदर ने कहा, “पिछले कई हफ्तों से सिंचाई की कमी के कारण किसानों को अपनी खरीफ फसलों पर खतरा मंडरा रहा है।”
जिले के निवासी भगत सिंह कहते हैं, ”हालांकि खराब आपूर्ति की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन अंतिम छोर पर स्थित गांवों में स्थिति बहुत खराब है।” समस्या के लिए नहर के पानी के असमान वितरण को जिम्मेदार ठहराते हुए किसान नेता महेंद्र सिंह ने कहा कि फसलों को प्रभावित करने वाली गर्मी की स्थिति को देखते हुए सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति को दोगुना करने की जरूरत है।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता मोहित वशिष्ठ ने बताया कि कुछ स्थानों पर सफाई कार्य के कारण नहरों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है, लेकिन गर्मी व प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद खेतों तक पानी पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
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