मानमा, इजराइल, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन, मोरक्को और मिस्र के वरिष्ठ राजनयिक क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक रूपरेखा बनाने पर सहमत हुए हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को मनामा में बहरीन द्वारा आयोजित यह बैठक नेगेव फोरम की संचालन समिति की पहली बैठक थी।
इजराइल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस साल के अंत में अपनी तरह की अगली बैठक होने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने कहा कि “अधिकारियों ने इस तरह से सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की, जिससे क्षेत्र और उसके लोगों के लिए ठोस लाभ हो।”
इसमें कहा गया है, “सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और खाद्य एवं जल सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग तलाशा जाएगा।”
यह मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की जुलाई में इजरायल और सऊदी अरब की यात्रा से पहले हुई थी।
यूएई, बहरीन और मोरक्को 2020 में अमेरिका के तत्वावधान में इजरायल के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने पर सहमत हुए।
मिस्र और इजराइल ने 1979 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
कतर की राजधानी दोहा में परमाणु वार्ता शुरू करेगा ईरान
तेहरान, ईरान की एक टीम तेहरान के 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए वार्ता के लिए मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना होगी। इसकी पुष्टि ईरानी सरकार ने की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार देर रात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी के हवाले से कहा कि ईरान के उप विदेश मंत्री अली बघेरी कानी अभी भी ईरानी वार्ता टीम का नेतृत्व करेंगे।
इससे पहले सोमवार को, मंत्रालय ने कहा कि आगामी वार्ता अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष रूप से आयोजित की जाएगी और यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा सुविधा प्रदान की जाएगी।
ईरान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रॉबर्ट माली भी दोहा में होंगे।
25 जून को, ईरान और यूरोपीय संघ ने घोषणा की, 2015 के परमाणु समझौते के पुनरुद्धार पर वार्ता आने वाले दिनों में फिर से शुरू की जाएगी।
परमाणु वार्ता अप्रैल 2021 में वियना में शुरू हुई थी, लेकिन तेहरान और वाशिंगटन के बीच राजनीतिक मतभेदों को लेकर मार्च में इसे स्थगित कर दिया गया है।
जुलाई 2015 में परमाणु समझौते में अमेरिका समेत कई शक्तिशाली देश शामिल थे। इस समझौते के तहत ईरान के परमाणु विकास कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाकर बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में कुछ छूट दी जानी थी।
मई 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को निकाल लिया और ईरान पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए।
समझौते को बहाल करने के लिए अप्रैल 2021 से ईरान और जेसीपीओए पार्टियों के बीच वियना में कई दौर की बैठक हो चुकी हैं।