कोलकाता, 12 जनवरी। पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये के नकद मामले में कथित संलिप्तता के लिए पहले से ही न्यायिक हिरासत में बंद पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी के लिए अब और अधिक मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
आयकर विभाग को कुछ विशिष्ट सुराग और सबूत मिले हैं कि कैसे पूर्व राज्य मंत्री ने अपने दामाद कल्याण भट्टाचार्य के नाम पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग संपत्तियां खरीदीं।
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों के अनुसार, भट्टाचार्य, जो वर्तमान में विदेश में बसे हैं, हाल ही में कोलकाता आए थे और वहां उन्होंने आयकर अधिकारियों से मुलाकात की और कबूल किया कि उनके नाम पर पंजीकृत विशाल संपत्ति वास्तव में उनके ससुर द्वारा पैन कार्ड जैसे उनके पहचान पत्र का उपयोग करके वित्त पोषित की गई थी।
उन्होंने आयकर अधिकारियों को कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं, जो अब दक्षिण कोलकाता के सुधार गृह में चटर्जी से पूछताछ करने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं, जहां उन्हें अभी रखा गया है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि कल्याण भट्टाचार्य के अलावा पूर्व मंत्री ने अपनी बेटी सोहिनी भट्टाचार्य के नाम पर भी बड़ी संपत्ति खरीदी है, जो अपने पति के साथ विदेश में बस गयी हैं।
हालांकि आयकर अधिकारियों को इस संबंध में कल्याण भट्टाचार्य का बयान मिल गया है, लेकिन उन्हें सोहिनी भट्टाचार्य का बयान नहीं मिला है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ताजा खुलासों से आने वाले दिनों में पार्थ चटर्जी के लिए चीजें और मुश्किल हो जाएंगी। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, “इस घटनाक्रम से साबित होता है कि उनके करीबी परिवार के सदस्य भी इस मामले में उनसे दूरी बना रहे हैं।”