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आईटी विभाग ने नियोक्ताओं को दिए गए किराया-मुक्त आवास के मूल्यांकन के लिए नियमों में संशोधन किया

नई दिल्ली, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर नियमों में संशोधन किया है। अधिसूचित संशोधनों के अनुसार, उच्च ग्रेड वेतन और उनके नियोक्ताओं (एम्प्लॉयर्स) द्वारा दिए गए किराया-मुक्त आवास वाले कर्मचारी अधिक टैक्स बचाने और उच्च वेतन घर ले जाने में सक्षम होंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, यह नियम 1 सितंबर 2023 से प्रभावी होंगे। आयकर विभाग ने ऐसे आवासों के मूल्यांकन के लिए मानदंडों को संशोधित किया है, जिससे उपर्युक्त श्रेणी के कर्मचारियों को अधिक टैक्स बचत होगी, जिसके परिणामस्वरूप वह अधिक सैलरी घर ले जा सकेंगे।

अधिसूचना के अनुसार, जहां केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को असज्जित आवास प्रदान किया जाता है और ऐसा आवास नियोक्ता के स्वामित्व में है, तो मूल्यांकन होगा।

1- 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में वेतन का 10 प्रतिशत (15 प्रतिशत से कम) (पहले, 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख),

2- उन शहरों में वेतन का 7.5 प्रतिशत (10 प्रतिशत से घटाकर) जिनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 15 लाख से अधिक है लेकिन 40 लाख से अधिक नहीं है (पहले, 10 लाख लेकिन 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख से अधिक नहीं)।

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