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‘महिलाओं के लिए ड्रोन तकनीक और एआई में अवसरों का लाभ उठाना जरूरी’

'It is important for women to take advantage of opportunities in drone technology and AI'

शिमला, 24 मई हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के तुलनात्मक लोक विधि केन्द्र तथा बाल एवं महिला अध्ययन केन्द्र ने राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के सहयोग से कल ‘उठो और नेतृत्व करो: प्रौद्योगिकी, व्यवसाय और सार्वजनिक जीवन में अग्रणी युवा महिलाएं’ विषय पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया – जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर छात्र और शोध विद्वान शामिल थे। कार्यक्रम का अध्यक्षीय भाषण एचपीएनएलयू के कुलपति (कार्यवाहक) चंचल कुमार सिंह ने दिया। कुलपति ने कानूनी, आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों में नारीवादी सिद्धांतों को पुनर्जीवित करके युवा महिलाओं को सशक्त बनाने के महत्व पर बल दिया

कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने कहा कि पश्चिमी समाज में महिलाओं को लम्बे समय तक मताधिकार से वंचित रखा गया, जबकि भारतीय गणतंत्र ने भारतीय गणतांत्रिक आकांक्षाओं के प्रारम्भ में ही महिलाओं के अधिकार को मान्यता दी।

उन्होंने कहा, “भारत में कानून और विनियामक तंत्र की कोई कमी नहीं है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रवर्तन की कमी को दूर किया जाना चाहिए।”

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (SCEE) की सहायक प्रोफेसर परिमाला कंचरला ने “टेक होराइजन्स: नेविगेटिंग इमर्जिंग ऑपर्च्युनिटीज इन एआई, ड्रोन टेक्नोलॉजी” विषय पर पहले तकनीकी सत्र में श्रोताओं को संबोधित किया। सत्र के दौरान, उन्होंने उभरते क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला, खासकर तकनीकी उन्नति के इस युग में।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एआई और ड्रोन प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाना तथा उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए नवाचार को अपनाना महत्वपूर्ण है।

पंजाब विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के संजीव शर्मा ने “निर्णय लेने में महिलाएं: सार्वजनिक जीवन में अग्रणी महिलाएं” विषय पर दूसरे तकनीकी सत्र में श्रोताओं को संबोधित किया तथा आंकड़े प्रस्तुत किए जिनसे पता चला कि महिलाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है तथा सरकारी नीतियां महिलाओं की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को देश के नेतृत्व में बड़ी छलांग लगाने की जरूरत है। एसजेवीएन की पूर्व प्रबंध निदेशक गीता कपूर ने “कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाएं” विषय पर तीसरे तकनीकी सत्र में अपने संबोधन में कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नेतृत्व की भूमिकाओं में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि महिलाओं के परिवर्तन के लिए आत्म-विश्वास महत्वपूर्ण है।

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