जमुई, 6 नवंबर । भारत की ओलंपिक खिलाड़ी और अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह ने ओलंपिक 2036 के लिए अपने विचार रखे हैं। भारत ने आधिकारिक तौर पर ओलंपिक 2036 की मेजबानी करने के लिए आवेदन किया है। इस अवसर पर 2036 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक की मेजबानी की तैयारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ओलंपिक के खिलाड़ियों से सुझाव भी मांगे गए हैं।
श्रेयसी ने ओलंपिक गेम्स 2036 को लेकर दिए अपना सुझाव दिया है। वह जमुई से भाजपा विधायक भी हैं। उन्होंने बताया कि साल 2036 में जो ओलंपिक गेम्स भारत में होने जा रहा है, उसके लिए भारत ने अपना प्रपोज सबमिट कर दिया है। यह खेल निश्चित तौर पर भारत में होने चाहिए लेकिन ओलंपिक मेडल जीतने के लिए और खेलों में टॉप पर पहुंचने के लिए अभी एक रूपरेखा बनाने की सख्त जरूरत है।
श्रेयसी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “2036 ओलंपिक खेलों के लिए भारत ने अपना प्रस्ताव सबमिट कर दिया है। मुझे लगता है कि सऊदी अरब, कतर के साथ-साथ सियोल जैसी कुछ जगहों से भारत को मुश्किल चुनौती मिलेगी। निश्चित तौर पर भारत में ओलंपिक खेलों का आयोजन होना चाहिए। लेकिन उससे पहले मुझे लगता है कि 2025 से लेकर 2035 तक एक रूपरेखा बनानी चाहिए, जिसमें हम लोगों को जमीनी स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा। जब आधारभूत संरचना बेहतर हो तो बच्चों के मन में अपने देश के लिए खेलने की रुचि को प्लेटफार्म मिलता है, जहां पर वह प्रशिक्षण कर सकें और कोई खेल सीख सकें।”
श्रेयसी ने आगे कहा कि ‘खेलो इंडिया’ के तहत बच्चों को राज्य और भारतीय स्तर पर खेलने का मौका मिल रहा है। पहले से बहुत अच्छी योजनाएं एनडीए के सिस्टम में हैं, लेकिन आज भी कुछ पंचायतों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट नहीं है। ऐसी पंचायतों में भी आधारभूत संरचना का विकास करना चाहिए।
देश में खेल प्रतिभाओं को पहचानने के महत्व पर बात करते हुए श्रेयसी ने कहा, “इसके लिए एक स्पेशल टीम बनानी चाहिए, जो यह देखे कि भारत के किस कोने में कौन से ऐसे बच्चे हैं जो अपने डीएनए के हिसाब से किस खेल में अच्छे हैं। उसके हिसाब से बच्चों को उन खेलों में लगाना चाहिए। यह बहुत जरूरी है क्योंकि जब तक हमारे पास एथलीटों का वह पूल तैयार नहीं होगा, भारत का खेलों में टॉप करने का और ओलंपिक में कई मेडल जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।”