अमरावती, 7 अगस्त । आंध्र प्रदेश के कैब ड्राइवरों को हैदराबाद छोड़ने को कहे जाने के मामले में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण आगे आए हैं। उन्होंने मांग की कि तेलंगाना सरकार इस मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण से हल करे।
दोनों तेलुगू राज्यों के विकास के लिए एकता को एकमात्र रास्ता बताते हुए पवन कल्याण ने कहा कि आंध्र प्रदेश के कैब ड्राइवरों को हैदराबाद छोड़ने के लिए कहना उचित नहीं है।
अभिनेता-राजनेता ने तेलंगाना के कैब ड्राइवरों से आंध्र प्रदेश के अपने साथी कैब ड्राइवरों के प्रति सहानुभूति रखने का आग्रह किया। उनके विस्थापन से 2,000 परिवार अपनी आजीविका से वंचित हो जाएंगे।
कैब ड्राइवरों में से कुछ लोग पवन कल्याण से मिलने पहुंचे। उन्होंने उन्हें खुलकर अपना समर्थन दिया।
जन सेना पार्टी के नेता ने कहा कि तेलंगाना सरकार को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को यह महसूस होना चाहिए कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों एक है।
उन्होंने कहा, “दोनों तेलुगू राज्यों के लोगों की एकता ही हमें प्रगति के पथ पर आगे ले जाती है। मैं बार-बार कहता हूं कि आंध्र प्रदेश को विकास के मार्ग पर चलना चाहिए। अगर यहां अवसर बढ़ेंगे तो आंध्र से तेलंगाना की ओर पलायन रुक जाएगा। नतीजतन, तेलंगाना के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे।”
उन्होंने तेलंगाना के कैब चालकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया देने और आंध्र प्रदेश के अपने भाइयों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।
जन सेना कार्यालय में पवन कल्याण से मिलने आए कैब चालकों ने उन्हें बताया कि उन्हें हैदराबाद में काम करने से रोका जा रहा है और इस वजह से वे वहां रहने में असमर्थ हैं। उन्होंने उन्हें बताया कि हैदराबाद में अधिकारी और कैब चालक उन्हें परेशान कर रहे हैं और उन्हें हैदराबाद छोड़ने के लिए कह रहे हैं। हैदराबाद अब दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी नहीं रहा।
पवन कल्याण ने उन्हें बताया कि आंध्र प्रदेश की राजधानी पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, “यहां फिर से गतिविधियां शुरू होंगी और उपयुक्त अवसर पैदा किए जाएंगे। साझा राजधानी की अवधि समाप्त होने के बाद आंध्र प्रदेश की कैब को हैदराबाद में रहने से रोकने का कोई कारण नहीं है। यह मुद्दा 2,000 परिवारों की आजीविका से जुड़ा है।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने की पहल करेंगे कि तेलंगाना सरकार मानवीय दृष्टिकोण से समस्या का समाधान करे। वहां के कैब चालकों को भी आंध्र प्रदेश के साथी चालकों के प्रति उचित प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों तेलुगु राज्यों के बीच आपसी सहयोग की जरूरत है।
हैदराबाद में काम करने वाले आंध्र प्रदेश के कैब ड्राइवरों के एक समूह ने पिछले महीने मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश से भी मुलाकात की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि हैदराबाद अब जब संयुक्त राजधानी नहीं है तो उन्हें एक बार फिर अपने वाहनों पर कर का भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है।
कैब ड्राइवरों ने कहा कि वे पहले से ही अविभाजित आंध्र प्रदेश में अपने वाहनों पर जीवन कर का भुगतान कर चुके हैं और फिर से कर लगाने से उन्हें भारी वित्तीय नुकसान होगा।
तेलंगाना के कैब ड्राइवरों का एक वर्ग परिवहन विभाग से तेलंगाना के अलावा अन्य राज्यों में पंजीकृत टैक्सियों के अवैध संचालन को रोकने का आग्रह कर रहा है। उनका दावा है कि ये टैक्सियां उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रही हैं।
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