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किसी भी भाषा से नफरत करना ठीक नहीं : तमिलिसाई सुंदरराजन

It is not right to hate any language: Tamilisai Sundararajan

तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने हिंदी भाषा को लेकर जारी बहस पर कहा कि प्रदेश में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। भाषा को लेकर किसी भी प्रकार की बहस करना समय और ऊर्जा की बर्बादी है। हमें किसी भी भाषा से नफरत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कोयंबटूर रवाना होने से पहले चेन्नई एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में ये बातें कही।

उन्होंने डीएमके कार्यकर्ता की तरफ से सार्वजनिक स्थलों पर हिंदी के शब्दों के मिटाए जाने पर आपत्ति जताई। कहा कि डीएमके कार्यकर्ताओं की इन हरकतों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यहां न केवल दक्षिण भारत, बल्कि उत्तर भारत से भी लोग आकर यात्रा कर रहे हैं, तो उनकी सहूलियत के लिए कई जगहों पर हिंदी में कुछ शब्द लिखे गए हैं, जिन्हें मिटाया जा रहा है। यह एक सार्वजनिक संपत्ति है और यहां ऐसा करना किसी भी सूरत में उचित नहीं है।

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर आप लोग हिंदी को खत्म करना चाहते हैं, तो मेरा आपसे सवाल है कि आपके कई बच्चे स्कूलों में भी हिंदी पढ़ रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में क्या आप उनकी पठन सामग्रियों में प्रकाशित हिंदी के शब्दों को भी मिटाएंगे?

उन्होंने कहा कि कई मंत्रियों के बच्चे सीबीएसई से संबंधित स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इनके बच्चे तीन-तीन भाषाओं को सीख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मैं स्टालिन को चुनौती देती हूं कि वो सामने आकर बताएं कि आपके परिवार में और आपके मंत्रियों के परिवार में कितने बच्चे सिर्फ दो ही भाषा स्कूलों में सीख रहे हैं? यही नहीं, ये लोग सीबीएसई स्कूल भी संचालित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आप लोग अपने आर्थिक हितों को साधने के लिए तो हिंदी चाहते हैं, लेकिन गरीबों के उत्थान के लिए आप लोग हिंदी या किसी दूसरी भाषा को कोई जगह नहीं देना चाहते हैं। ये लोग भाषा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। लेकिन, अब धीरे-धीरे लोग जागरूक हो चुके हैं। लोग इनकी मंशा को समझ चुके हैं। डीएमके के दोहरे मापदंड को लोग समझ चुके हैं।

उन्होंने कहा कि जब हमारे दक्षिण भारत के बच्चे उत्तर भारत के किसी राज्य में जाते हैं, तो उन्हें भाषा को लेकर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए मुझे लगता है कि भाषा को लेकर राजनीति ठीक नहीं है। तमिलनाडु में दूसरी कई समस्याएं हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।

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