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सरकारी योजनाओं के लिए मंदिर का पैसा लेना उचित नहीं: रामेश्वर दास महाराज

It is not right to take temple money for government schemes: Rameshwar Das Maharaj

उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महंत रामेश्वर दास महाराज ने हिमाचल प्रदेश सरकार के उस फरमान का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि मंदिरों से होने वाली आय को सरकारी योजनाओं के लिए दिया जाए।

हिमाचल सरकार के इस फरमान पर न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान रामेश्वर दास महाराज ने कहा कि हमारा राज्य सरकार को सुझाव है कि जो भी बड़े मंदिर प्रदेश में हैं, उनसे जो आय होती है उसका उपयोग मंदिर के काम-काज में लगाना चाहिए। इसके अलावा जो पैसा बचता है वह पैसा छोटे मंदिरों के उपयोग में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसलिए, सरकार को मंदिरों की आय को नहीं लेना चाहिए। क्योंकि, बहुत ऐसे मंदिर हैं जहां पर आय का स्त्रोत नहीं है। सरकारी योजनाओं के लिए मंदिर का पैसा लेना उचित नहीं है। हम सरकार के फरमान से सहमत नहीं हैं।

बता दें कि हिमाचल सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। सरकार ने अपने अधीन 35 मंदिरों को फरमान जारी कर कहा है कि सरकारी योजनाओं के लिए पैसे दें। सरकार के इस फरमान का विपक्ष ने विरोध किया है। भाजपा ने कहा है कि विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को लेकर विधानसभा से लेकर सड़क तक आवाज उठाएंगे। वहीं, सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के इस फरमान पर देशभर के हिंदू-संत भी नाराज हो गए हैं।

हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार एक तरफ सनातन का विरोध करती है, हिंदू विरोधी बयान देती है और दूसरी तरफ देवी-देवताओं के मंदिरों से ही पैसा लेकर सरकार की फ्लैगशिप योजना चलाना चाह रही है। राज्य सरकार द्वारा मंदिरों से पैसा मांगा जा रहा है, इसके लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि जल्दी से जल्दी पैसा सरकार को भेजा जाए। सरकार के इस फैसले का भाजपा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि मंदिर और ट्रस्ट के लोगों के साथ आम जनता को भी कांग्रेस सरकार के इस फैसले का विरोध करना चाहिए।

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