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कहीं पर आना-जाना हमारा संवैधानिक अधिकार, सरकार संविधान नहीं मानती : माता प्रसाद पांडे

It is our constitutional right to go anywhere, the government does not accept the constitution: Mata Prasad Pandey

लखनऊ, 30 नवंबर । संभल जाने के लिए समाजवादी पार्टी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे लखनऊ के विधायक माता प्रसाद पांडे ने प्रदेश सरकार पर संविधान को न मानने का आरोप लगाया है।

उल्लेखनीय है कि संभल दौरे से पहले माता प्रसाद पांडे के घर के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है। इस पर आईएएनएस से बात करते हुए माता प्रसाद ने कहा, “पुलिस को हमें रोकने का कोई अधिकार नहीं है। जो व्यवस्थाएं हैं, वह संभल में रोकने की हैं, ताकि संभल में कोई न जाए। लेकिन आप इस बात पर पाबंदी नहीं लगा सकते हैं कि घर से कोई कहां जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह लोग गैरकानूनी तरीके से काम करते हैं। सरकार कभी संविधान को नहीं मानती है। संविधान में हमारा मौलिक अधिकार है कि हम कहीं भी जा सकते हैं और आ सकते हैं। कानून के अधिकार से जो रोक लगी है, वह लखनऊ में लगी है। वह रोक संभल में नहीं लगी है। ऐसे में मुझे रोकने का प्रयास पूरी तरह से गैरकानूनी और असंवैधानिक है।

ज्ञात हो कि संभल हिंसा मामले में माता प्रसाद पांडे की अगुवाई में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के निर्देश पर इस प्रतिनिधिमंडल शनिवार को संभल दौरा करना था। प्रतिनिधिमंडल का काम घटना के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाना था। एक रिपोर्ट तैयार कर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपनी थी।

फिलहाल प्रतिनिधिमंडल को आने से रोक दिया गया है और माता प्रसाद के घर के बाद पुलिस सुरक्षा तैनात है। ऐसे में माता प्रसाद ने अपनी आगे की रणनीति पर बात करते हुए आईएएनएस को आगे बताया, “अभी हम लोग समाजवादी पार्टी कार्यालय जाएंगे। हमारे एक सज्जन पार्टी दफ्तर में पहुंच चुके हैं। हमारे प्रदेश अध्यक्ष भी आ रहे हैं और हम लोग भी जा रहे हैं। वहीं से तय होगा कि क्या किया जाए।”

इस बीच सपा अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर सोशल मीडिया मंच एक्स पोस्ट पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है।

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