चंडीगढ़, 23 नवंबर अभियोजन पक्ष द्वारा आरोप साबित करने में विफल रहने के बाद एक स्थानीय अदालत ने 18 साल पुराने मामले में जगतार सिंह हवारा को बरी कर दिया है। वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
यह मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि हवारा हथियारों और विस्फोटकों के साथ भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की योजना बना रहा था और आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और खालिस्तान के गठन के कृत्यों में भी शामिल था।
हवारा के खिलाफ यहां सेक्टर 36 पुलिस स्टेशन में 16 जुलाई 2005 को धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 121-ए (धारा 121 के तहत दंडनीय अपराध करने की साजिश), 123 (छिपाना) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी। युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने का इरादा) और आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश में भाग लेना) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5।
पुलिस ने दावा किया कि 16 जुलाई 2005 को यहां किसान भवन के पास मामले के सह-अभियुक्त के कब्जे से एक पिस्तौल, कुछ कारतूस और 450 ग्राम आरडीएक्स जब्त किया गया था।
अदालत ने हवारा के खिलाफ आरोप तय किए जिन्होंने खुद को दोषी नहीं बताया और मुकदमे का दावा किया। हवारा के वकील एएस चहल ने दलील दी कि आरोपी को मामले में झूठा फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई गवाह पेश करने में भी विफल रहा जो मामले का समर्थन कर सके।