शिमला, 29 सितंबर । हिमाचल प्रदेश में अवैध मस्जिद के निर्माण का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोपों पर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर को जनता ने घर में बैठा दिया है और अब उनके पास कोई काम नहीं है।
अनिरुद्ध सिंह ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मुझे पता है कि विपक्ष का काम सिर्फ बोलना है और खुद को मीडिया में हाईलाइट करना है। अब जयराम के पास कोई काम नहीं बचा है। उन्हें अपनी सरकार में यह सब करना चाहिए था, लेकिन जब उन्होंने इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया, तो अन्य लोगों ने अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया। तब जाकर उन्हें तकलीफ होने लगी। वह अब घर में खाली बैठे हुए हैं और पांच साल तक घर में ही बैठे रहेंगे।”
हिमाचल के मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी द्वारा विक्रमादित्य सिंह के बयान पर सवाल उठाए जाने पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा, “उन्होंने किसी मंत्री के बयान पर कोई सवाल नहीं उठाए हैं। किसी मंत्री विधायक व अन्य नेता के बयान की जानकारी नही होती है। कांग्रेस पार्टी हमेशा एक जुट रही है और प्रदेश में सीएम सुक्खू के नेतृत्व मजबूती से काम कर रही है।”
उन्होंने अवैध निर्माण का जिक्र करते हुए कहा, “कानून अपना काम सख्ती के साथ करेगा। प्रदेश में कोई भी अवैध गतिविधि या अवैध निर्माण नहीं होगा।”
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में दुकानों और रेहड़ी-पटरियों के बाहर नेम प्लेट लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी थी। साथ ही उन्होंने अवैध निर्माण को लेकर हिमाचल सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, “विक्रमादित्य सिंह ने जो कहा है, उस पर हमारी सरकार ने काफी पहले ही काम करना शुरू कर दिया था। हमारी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जब इस संबंध में नियम बनाने की कोशिश की, तो कई लोगों ने सवाल खड़े किए थे। ”
उन्होंने कहा, “हमने सभी सवालों का जवाब दिया था। हमने कहा था कि यह नियम अब इसलिए जरूरी हो चुका है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश की हर गली में लोग अपनी पहचान छुपा कर स्ट्रीट वेंडर के काम में लिप्त हैं। हिमाचल एक ऐसा प्रदेश है, जहां अगर कोई बाहर से व्यक्ति आए, तो उसकी पहचान आसानी से हो जाएगी, वो अपनी पहचान छुपा नहीं पाएगा। अगर कोई गैर-हिमाचली है और वो यहां आकर काम कर रहा है, तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारा सीधा सवाल है आखिर ऐसी क्या मजबूरियां हैं कि ये लोग अपनी पहचान छुपा रहे हैं।”