जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को जम्मू स्थित राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। यह बैठक शाम 4:30 बजे शुरू हुई और लगभग 10 मिनट तक चली। हालांकि इस बैठक के दौरान हुई बातचीत का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच हुई इस मुलाकात की टाइमिंग महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह बैठक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हाल ही में हुई दो दिवसीय नई दिल्ली यात्रा के बाद हुई है। खास बात यह है कि इस मुलाकात के दौरान, उमर अब्दुल्ला की सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए प्रस्तावित व्यवसाय नियमों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास मंजूरी के लिए सौंप दिया। इन नए नियमों का उद्देश्य निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच अधिकारों के विभाजन को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना है, जो जम्मू और कश्मीर में सत्ता के संतुलन को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
अधिकारियों के अनुसार, यह मुलाकात पूर्व निर्धारित नहीं थी और उमर अब्दुल्ला के राजभवन जाने का निर्णय उनके प्रस्थान से ठीक पहले लिया गया था। अचानक हुई इस बैठक ने केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता संतुलन को लेकर संभावित बदलावों पर अटकलों को जन्म दिया है। इसके अलावा, उमर अब्दुल्ला द्वारा प्रस्तुत व्यवसाय नियमों के जरिए एक नया प्रशासनिक ढांचा तैयार करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है, जिसे जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 6 मार्च को घोषणा की थी कि केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन के लिए सरकार ने व्यवसाय नियम (बिजनेस रूल्स) को अंतिम रूप दे दिया है और उन्हें अंतिम मंजूरी के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को सौंप दिया गया है।
विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन के लिए व्यवसाय नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को अंतिम मंजूरी के लिए सौंप दिया है। अब्दुल्ला ने कहा था कि हमें व्यवसाय नियम बनाने की आवश्यकता थी, और इन नियमों को बुधवार रात 8 बजे कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई। इसके बाद, इन्हें उपराज्यपाल को भेज दिया गया है, और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक उपराज्यपाल से इन नियमों की मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक मौजूदा व्यवस्था को अस्थायी रूप से माना जाएगा।
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