October 31, 2025
National

जम्मू-कश्मीर: कठुआ में ड्रग तस्कर मोहम्मद असलम की 86 लाख रुपए की संपत्ति कुर्क

Jammu and Kashmir: Drug smuggler Mohammad Aslam’s property worth Rs 86 lakh attached in Kathua

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कठुआ में मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने ड्रग तस्कर मोहम्मद असलम की लगभग 86 लाख रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क कर ली है। इसमें एक दो मंजिला आवासीय भवन, एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और एक महिंद्रा पिकअप शामिल हैं।

गहन वित्तीय जांच के बाद इन संपत्तियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटैंसेस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 68(एफ)(2) के तहत कुर्क किया गया।

जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने अपनी वैध आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी, जो नशीले पदार्थों की तस्करी से प्राप्त धन से खरीदी गई थी। मोहम्मद असलम वर्तमान में कई मामलों में आरोपी है। ये सभी मामले एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हैं। आरोपी मोहम्मद असलम एक अंतरराज्यीय नारकोटिक्स नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

यह कार्रवाई एसएसपी कठुआ मोहिता शर्मा की देखरेख और एसपी ऑपरेशन मुकुंद टिबरेवाल और एसडीपीओ बॉर्डर धीरज कटोच के निर्देशन में की गई। अभियान का नेतृत्व एसएचओ राजबाग इंस्पेक्टर अजय सिंह चिब ने किया।

पुलिस ने कहा कि यह कुर्की अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है कि ड्रग तस्करी पर कठुआ पुलिस जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है। यह कार्रवाई उन सभी के लिए चेतावनी है जो समाज को नशे के जाल में फंसाने की साजिश कर रहे हैं। जो भी लोग इस तरह के काम में शामिल हैं, कानून उन्हें किसी भी सूरत में छोड़ने वाला नहीं है।

16 अक्टूबर को भी जम्मू-कश्मीर के रियासी के माहौर इलाके में पाकिस्तान से जुड़े एक आतंकवादी की संपत्ति कुर्क कर ली गई थी। एसएसपी परमवीर सिंह की देखरेख में जिला पुलिस रियासी ने मोहम्मद शरीफ मिरासी, जो मूल रूप से सिलधर माहौर का निवासी है, की संपत्ति जब्त कर ली थी।

पुलिस के अनुसार, शरीफ मिरासी 2000 में आतंकवादी संगठनों में शामिल हुआ था और 2010 में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से हथियार, गोला-बारूद और प्रशिक्षण हासिल करने के लिए पाकिस्तान भाग गया था। शुरुआत में वह हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा, लेकिन बाद में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया और सीमा पार से आतंकवाद को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने लगा था।

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