जमशेदपुर में एक हृदयविदारक घटना में कैंसर से पीड़ित टाटा स्टील के सीनियर मैनेजर कृष्ण कुमार, उनकी पत्नी और दो बेटियों का शव शुक्रवार देर रात उनके घर से बरामद किया गया। चारों के शव शुक्रवार देर रात शहर के आदित्यपुर इलाके में चित्रगुप्त नगर स्थित उनके आवास में अलग-अलग फंदे पर लटकते मिले।
पुलिस ने रात करीब 11 बजे घर का दरवाजा तोड़कर शवों को बरामद किया। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बताया गया कि 40 वर्षीय कृष्ण कुमार कैंसर से पीड़ित थे और हाल में मुंबई स्थित टाटा के कैंसर हॉस्पिटल से लौटे थे। उन्हें नियमित रूप से कीमोथेरेपी दी जानी थी।
पड़ोसियों के मुताबिक, बुधवार शाम से ही उन्होंने घर के किसी सदस्य को बाहर निकलते नहीं देखा। शुक्रवार शाम मकान से तेज दुर्गंध आने लगी तो लोगों को अनहोनी की आशंका हुई। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घर का दरवाजा भीतर से बंद मिला। दरवाजा तोड़ने पर कृष्ण कुमार, उनकी पत्नी 35 वर्षीय डॉली देवी, पुत्री 15 वर्षीय पिंकी और 7 वर्षीय मंइयां के शव एक ही कमरे में अलग-अलग फंदे से लटकते पाए गए।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने देर रात फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया, जिसने घटनास्थल की जांच की है। शनिवार को शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। आशंका जताई जा रही है कि यह घटना बुधवार या गुरुवार को घटित हुई है। घटना की सूचना पाकर शहर में दूसरी जगह रहने वाले कृष्ण कुमार के पिता साविंद तिवारी और अन्य परिजन मौके पर पहुंचे।
साविंद तिवारी के मुताबिक, कृष्ण को तीसरे स्टेज का कैंसर था। इलाज के लिए वे कृष्ण और उसकी पत्नी के साथ खुद मुंबई गए थे। डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी की सलाह दी थी। यह सुविधा जमशेदपुर में भी उपलब्ध है, इसलिए वे लोग वापस लौट आए थे। कीमोथेरेपी के लिए कंपनी में आवेदन भी किया गया था। कुछ लोगों का कहना है कि कैंसर होने की जानकारी मिलने के बाद से कृष्ण कुमार अवसाद में थे।