बेंगलुरु, 27 सितंबर । जनता दर्शन के दौरान हुए हंगामे को लेकर कोलार लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद मुनीस्वामी ने कांग्रेस मंत्री, कोलार विधायक और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के खिलाफ कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत को शिकायत सौंपी है।
जनता दर्शन के दौरान हुए हंगामे को लेकर शहरी विकास और नगर नियोजन मंत्री बिरथी सुरेश, विधायक नारायणस्वामी और एसपी एम. नारायण के खिलाफ शिकायत दी गई है।
मुनीस्वामी ने आरोप लगाया कि हाल में कोलार में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम, जनता दर्शन में उन पर हमला और अपमान किया गया। उन्होंने शिकायत की है कि मंत्री बिरथी सुरेश, विधायक नारायणस्वामी और एसपी नारायण ने उनके खिलाफ असंवैधानिक व्यवहार किया।
बीजेपी एमएलसी चलावादी नारायणस्वामी और केशव प्रसाद समेत 30 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और शिकायत दी।
सांसद मुनीस्वामी ने कहा, “उपरोक्त व्यक्तियों ने एक जन प्रतिनिधि के साथ असंवैधानिक व्यवहार किया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। संविधान सत्ताधारी दल के साथ विपक्षी दल को भी समान अधिकार देता है।
सांसद मुनीस्वामी ने कहा, “मैंने दावा किया कि कोलार जिले के किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। उन्हें जबरदस्ती खाली कराया गया। मैंने कहा कि जमीन हड़पने वाले मंच पर हैं। इसमें गलत क्या है?”
उन्होंने कहा, “मैंने ले-आउट की स्थापना के संबंध में जांच की मांग की। कोलार विधायक नारायणस्वामी और मंत्री बिरथी सुरेश ने मुझे धक्का देकर बाहर निकाला। इसलिए, मैंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। मुझे बाहर निकालने के लिए मैं कोलार एसपी के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव भी ला रहा हूं। मैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी शिकायत करूंगा।”
घटना पिछले सोमवार को हुई जब कांग्रेस सरकार द्वारा लोगों से सीधे मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए जनता दर्शन बैठक आयोजित की गई थी।
जैसे ही मुनिस्वामी ने बताया कि मंच पर जमीन हड़पने वाला बैठा है तो बैठक कैसे हो सकती है, लोगों को क्या समाधान मिल सकता है, विधायक नारायण स्वामी उन पर झपट पड़े। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया।
मुनिस्वामी ने बाद में दावा किया कि विधायक नारायणस्वामी को स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन, एसपी ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर धकेल दिया। उन्होंने दावा किया कि दलित सांसद होने के कारण उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया।