जालना (महाराष्ट्र), 3 नवंबर । महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने गुरुवार को अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया। अनशन के आठवें दिन उन्होंने पानी पीना भी छोड़ दिया था। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के दो सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और कैबिनेट मंत्रियों के साथ बातचीत के बाद अनशन खत्म किया और समय मांग रही सरकार को और दो महीने दिए।
जरांगे-पाटिल ने उच्च-शक्ति प्रतिनिधिमंडल की मांग के अनुसार, मराठा कोटा की मांगों को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को दो महीने – 2 जनवरी, 2024 तक – का नया अल्टीमेटम देने पर भी सहमति व्यक्त की।
घोषणा के बाद, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कुछ पानी और फलों के रस का एक गिलास स्वीकार किया, जो उनकी नौ दिनों की कठोर भूख हड़ताल के अंत का प्रतीक था जिसने सरकार को मुश्किल में डाल दिया था।
उन्होंने चेतावनी दी कि यह कोटा के लिए “पूर्ण अंतिम समय सीमा” होगी और यदि राज्य सरकार अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने में विफल रही तो राज्यभर से मराठा मुंबई तक मार्च करेंगे और देश की वाणिज्यिक राजधानी की घेराबंदी करेंगे।
जरांगे-पाटिल की घोषणा का प्रतिनिधिमंडल, हजारों ग्रामीणों और अंतरवली-सरती गांव में इकट्ठे हुए मीडियाकर्मियों ने तालियां बजाकर स्वागत किया और पिछले 9 दिनों का तनावपूर्ण माहौल अचानक सौहार्द और जश्न में बदल गया। राज्य सरकार ने भी राहत की सांस ली।