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जदयू विधायक ने नीतीश के लिए लालू के ‘दरवाजे खुले’ प्रस्ताव पर कहा, लोकसभा चुनावों के बाद देखेंगे

JDU MLA said on Lalu's 'doors open' proposal for Nitish, will see after Lok Sabha elections

नई दिल्ली, 18 फरवरी। बिहार के राजनीतिक गलियारों में ‘दरवाजे खुले हैं’ नया चुनावी शब्द सामने आया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड), लालू यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय जनता पार्टी सहित राज्य की सभी प्रमुख पार्टियां इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।

ताजा घटनाक्रम में जदयू (जेडी-यू) विधायक गोपाल मंडल की रविवार को खुले दरवाजे विवाद पर की गई टिप्पणियों ने बिहार की ‘लहराती’ राजनीति को नया रंग दे दिया है।

जदयू विधायक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। लेकिन नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बने रहने के लिए यहां हैं और वह महागठबंधन में नहीं जाएंगे।

बड़बोले जदयू विधायक ने आगे कहा कि दरवाजे हमेशा खुले हैं, अगर जरूरत पड़ी तो स्विचओवर गेम शुरू हो सकता है।

जब बिहार के सीएम को लालू के सद्भाव के बारे में पूछा गया तो सत्तारूढ़ दल के विधायक ने जवाब दिया, “सरकार को 2024 के चुनाव तक चलने दें, उसके बाद हम देखेंगे”।

गोपाल मंडल की टिप्पणी बिहार में ‘पावरप्ले’ को नई गति देने के लिए तैयार है। विशेष रूप से, जदयू द्वारा राजद (आरजेडी) से नाता तोड़ने और भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद राजद प्रमुख लालू यादव ने पत्रकारों से कहा था कि उनके दरवाजे ‘पुराने दोस्त’ नीतीश कुमार के लिए हमेशा खुले हैं।

अनजान लोगों के लिए, ‘दरवाजे खुले हैं’ शब्द पहली बार केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बिहार में एक राजनीतिक रैली के दौरान गढ़ा था। पिछले साल चरमराती कानून-व्यवस्था की स्थिति और नीतीश के गठबंधन से बाहर नहीं निकलने को लेकर तत्कालीन ‘महागठबंधन’ को तोड़ते हुए गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि भाजपा बिहार चुनाव अकेले लड़ेगी क्योंकि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं।

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