N1Live Sports जीतू राय : नेपाल के गांव से भारत के शूटिंग सेंसेशन तक एक सपने की उड़ान
Sports

जीतू राय : नेपाल के गांव से भारत के शूटिंग सेंसेशन तक एक सपने की उड़ान

Jeetu Rai: A flight from a village in Nepal to a shooting sensation in India

 

नई दिल्ली, नेपाल के संखुवासभा जिले के एक साधारण गांव से निकलकर दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले निशानेबाज जीतू राय 26 अगस्त को अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं। नेपाल उनकी जन्मभूमि थी लेकिन कर्मभूमि थी भारत। वह भारत, जहां एक बार आने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जीतू राय उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनके करियर में सेना ने अहम योगदान दिया है। वह 2006 में भारतीय सेना में शामिल हो गए थे। भारतीय सेना में शामिल होने के बाद, जीतू ने शूटिंग को अपना जुनून बना लिया। हर गोली उनके सपनों के और करीब ले जाती थी। वह एक ऐसे शूटर के तौर पर निखरे कि आज भारतीय शूटिंग इतिहास में लीजेंड बन चुके हैं।

10 और 50 मीटर पिस्टल इवेंट के स्पेशलिस्ट राय ने लखनऊ में 11 गोरखा रेजिमेंट के साथ अपने करीब 17 साल के कार्यकाल में कई उपलब्धियां हासिल कीं। 2013 में उन्होंने जब पहली बार नेशनल मेडल जीता था तब उनको सेना में हवलदार के पद पर प्रमोशन मिला था। उसके बाद वह सेना में प्रमोट होते गए। उनकी सबसे उल्लेखनीय जीत थी 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना। वह इन खेलों में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय शूटर थे। 50 मीटर पिस्टल इवेंट में मिली इस जीत ने उन्हें भारतीय सेना में मानद कैप्टन बना दिया था।

इंचियोन में 50 मीटर पिस्टल में एशियाई खेलों में गोल्ड और 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के अलावा, राय ने ग्लासगो (2014) और गोल्ड कोस्ट (2018) कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीते। वह 2014 ग्रेनाडा में विश्व चैंपियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट भी रहे। उनके पास दो विश्व कप स्वर्ण पदक भी हैं। वह एक ही विश्व कप में दो मेडल जीतने वाले पहले भारत के पहले शूटर हैं।

हालांकि, ओलंपिक में पदक न जीत पाना जीतू राय के लिए एक अधूरा सपना ही रहा। उन्होंने ओलंपिक को छोड़कर सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। जीतू राय ने 2016 रियो ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया था। हालांकि वह मेडल से बहुत दूर थे। इस ओलंपिक के बाद धीरे-धीरे उनका प्रदर्शन रैंकिंग में नीचे आने लगा था।

जीतू राय सिर्फ एक शूटर नहीं, बल्कि एक सच्चे सैनिक भी रहे। जब कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को थाम सा दिया था। तब जीतू राय के लिए यह समय रुकने का नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का था। उन्होंने इस समय का उपयोग देश सेवा में किया। तब उनके लिए खेल से पहले देश की सेवा प्राथमिकता थी। वह उस वक्त अपने परिवार को इंदौर में छोड़कर मणिपुर में अपने सैन्य बेस कैंप पर पहुंच गए। जहां उन्होंने 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन के बाद ड्यूटी ज्वाइन की।

जीतू ने 2024 में भारतीय सेना से रिटायरमेंट लेकर एक नया चैप्टर शुरू किया। उन्होंने शूटिंग में भारत में नई प्रतिभाओं को तराशने के लिए यह फैसला किया। उन्होंने नेशनल शूटिंग फेडरेशन में हाई परफॉरमेंस कोच के पद पर काम करने की भी इच्छा जताई थी। जीतू को 2016 में शूटिंग में अपने महान योगदान के चलते राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया था। उनको 2020 में पद्म श्री अवार्ड भी दिया गया था।

 

Exit mobile version