November 5, 2025
National

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दिया इस्तीफा, पुलिस महकमे में हलचल तेज

Jharkhand DGP Anurag Gupta resigns, sparking commotion in the police department

झारखंड में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है। विश्वस्त आधिकारिक सूत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर अपना त्यागपत्र सौंपा। इस्तीफे की वजहों के बारे में अब तक पता नहीं चल पाया है।

सूत्रों का कहना है कि गुप्ता ने मंगलवार की देर शाम त्यागपत्र दिया। सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई वक्तव्य या सूचना नहीं दी गई है, लेकिन उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार सरकार ने बुधवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नई नियुक्ति तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा है।

राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति पर उच्चस्तरीय विमर्श तेज हो गया है। सीनियर आईपीएस प्रशांत सिंह और दूसरे एमएस भाटिया में से किसी एक का नाम संभावित डीजीपी के तौर पर सामने आ रहा है। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस हैं, जिन्हें वर्ष 2022 में पुलिस महानिदेशक (डीजी) के रैंक में प्रमोशन मिली थी। इसके बाद वह डीजी ट्रेनिंग बनाए गए थे।

झारखंड सरकार ने 26 जुलाई 2024 को उन्हें प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया था। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें उनके पद से हटा दिया था। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होते ही 28 नवंबर 2024 को हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें फिर से प्रभारी डीजीपी के रूप में तैनात किया।

अखिल भारतीय सेवाओं की नियमावली के अनुसार, अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल, 2025 को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होना था, लेकिन इसके पहले राज्य सरकार ने डीजीपी नियुक्ति के लिए एक नई नियमावली लागू की। नई नियमावली के तहत 2 फरवरी 2025 को अनुराग गुप्ता को दो वर्ष के लिए नियमित डीजीपी के पद पर नियुक्त किया गया।

इस नई नियमावली के अनुसार, उनका कार्यकाल फरवरी 2027 तक था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई थी और राज्य सरकार को दो बार पत्र लिखकर अनुराग गुप्ता को पद से हटाने को कहा था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की आपत्ति को दरकिनार करते हुए राज्य सरकार ने अपनी नियमावली का हवाला देकर पद पर तैनात रखा।

यूपीएससी ने भी डीजीपी के रूप में उनकी नियुक्ति को उचित नहीं माना था। अनुराग गुप्ता के पास पूर्व में एसीबी और सीआईडी डीजी का प्रभार भी था। सितंबर माह में सरकार ने उनसे एसीबी का प्रभार वापस ले लिया, जिसके बाद से उन्हें हटाए जाने की चर्चा लगातार होती रही।

Leave feedback about this

  • Service