झारखंड की कृषि मंत्री और कांग्रेस नेता शिल्पी नेहा तिर्की ने राज्य में जातीय जनगणना की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता राहुल गांधी का इस मुद्दे पर स्पष्ट स्टैंड है। ‘जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ का फॉर्मूला पूरे देश में लागू होना चाहिए।
झारखंड विधानसभा परिसर में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। वहां इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया है। इस संबंध में वहां की विधानसभा में एक विधेयक भी लाया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड में राज्य सरकार जिस गठबंधन के तहत चल रही है, वहां लगातार इस पर वार्ता हुई और “हम लोग चीजों को आगे लेकर जाएंगे”। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार में भी इस बात पर सहमति है कि जिसकी जितनी आबादी है, उसे व्यवस्था में उतना प्रतिनिधित्व तो मिलना ही चाहिए।
मंत्री ने कहा कि झारखंड में नई सरकार का गठन हाल ही में हुआ है। अभी मात्र तीन महीने हुए हैं। हम अपने स्टैंड पर कायम हैं। विपक्ष की तरह अगर मीडिया भी चाहेगा कि सब कुछ तुरंत हो जाए तो यह संभव नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि पूर्व में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में जातीय जनगणना कराने की घोषणा की गई थी, लेकिन इस दिशा में अब तक कदम क्यों नहीं उठाया गया, मंत्री ने कहा कि चंपई सोरेन अब सरकार का हिस्सा नहीं हैं। इसके बावजूद हमारी सरकार का स्टैंड इस मुद्दे पर साफ है।
आदिवासियों की घटती जनसंख्या और परिसीमन में उनके प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान की पांचवीं अनुसूची में जो व्यवस्था है, उसमें आदिवासियों के प्रतिनिधित्व का आधार केवल आबादी नहीं है।