रांची, 5 अप्रैल । झारखंड हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में आदिवासियों का दूसरे धर्मों में मतांतरण रोकने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है? सरकार की इस विषय पर क्या नीति और क्या कार्ययोजना है?
कोर्ट ने शुक्रवार को इस मुद्दे से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दोनों सरकारों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 जून को मुकर्रर की गई है।
जनहित याचिका सोमा उरांव नामक शख्स की ओर से दाखिल की गई है। इसमें बताया गया है कि झारखंड में आदिवासियों को प्रलोभन और झांसा देकर जबरन दूसरे धर्म में लाया जा रहा है।
प्रार्थी के अधिवक्ता रोहित रंजन सिन्हा ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि कुछ संस्थाएं चंगाई सभा आयोजित कर आदिवासियों को भ्रमित कर रही हैं। इसकी जांच के लिए सरकार की ओर से कमेटी गठित की जानी चाहिए। कोर्ट को यह भी बताया गया कि धर्मांतरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है।
Leave feedback about this