रांची, 7 मार्च । झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के सरायकेला जिले में खरकई डैम प्रोजेक्ट में 6,000 करोड़ खर्च करने के बाद इसे बंद करने पर निराशा जाहिर की है।
बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद प्रोजेक्ट को बीच में रोका नहीं जाना चाहिए। इसमें जहां भी बाधा आ रही है, उसका समाधान निकाला जाना चाहिए।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उपस्थित राज्य के भूराजस्व सचिव को शपथ पत्र देकर यह बताने को कहा कि अभी इस प्रोजेक्ट के लिए और कितनी जमीन का अधिग्रहण बाकी है? प्रोजेक्ट के लिए आवंटित कितनी राशि बची हुई है? मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च मुकर्रर की गई है।
सुनवाई के दौरान जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि जमीन अधिग्रहण का काम स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण अटका हुआ है। इस मामले में संतोष कुमार सोनी की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है।
इसमें कहा गया है कि खरकई डैम परियोजना एकीकृत बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौते के बाद 1978 में शुरू हुई थी, लेकिन 2020 में राज्य सरकार ने बगैर कारण बताए एक पत्र जारी कर इस प्रोजेक्ट को अचानक बंद कर दिया।
याचिका के मुताबिक प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम हो चुका है। विस्थापितों के पुनर्वास के लिए नई जगहों को चिन्हित भी किया जा चुका है। बड़ी राशि खर्च करने के बाद परियोजना को बंद नहीं किया जाना चाहिए।
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