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रांची में हरमू नदी और बड़ा तालाब के प्रदूषण पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, सरकार से पूछा- करोड़ों खर्च के बाद भी स्थिति क्यों नहीं सुधरी

Jharkhand High Court is strict on the pollution of Harmu River and Bada Pond in Ranchi, asked the government - why the situation has not improved even after spending crores

रांची, 18 जून । झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में नदी, तालाब और जल स्रोतों के प्रदूषण और अतिक्रमण पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि रांची की हरमू नदी और बड़ा तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों की राशि खर्च हुई है तो ये बदहाल क्यों हैं? पानी से दुर्गंध क्यों उठ रही है?

कोर्ट ने कहा कि जल स्रोतों की गंदगी की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अगर सरकार ने इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं की तो कोर्ट सख्त आदेश पारित करेगा।

इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई होगी।

इस मामले में झारखंड सिविल सोसायटी और रोहित राय की ओर से हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई हैं। इसमें कहा गया है कि रांची के बड़ा तालाब में नालियों का पानी लगातार गिर रहा है। बदबू इस कदर उठ रही है कि तालाब के आसपास की घनी आबादी परेशान है।

इसी तरह रांची के सर्कुलर रोड के किनारे स्थित न्यू कॉलोनी में सप्लाई वाटर के साथ नाले का गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। इससे लोग बड़ी संख्या में बीमार हो रहे हैं।

बता दें कि अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने रांची के प्रसिद्ध बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया है रांची शहर के विभिन्न गंदे नाले -नालियों का पानी बड़ा तालाब में गिराया जाता है। यहां जलकुंभियों का अंबार लगा हुआ है। इनकी सफाई नहीं की जाती है। बड़ा तालाब की जमीन का भी अतिक्रमण किया गया है।

रांची के कांके डैम, हटिया डैम एवं रुक्का डैम की जमीन का अतिक्रमण किए जाने के मामले में भी कोर्ट ने पूर्व में स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। इनपर हुई सुनवाइयों के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को कई दिशा-निर्देश दिए थे।

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