झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी रांची की आंतरिक और सहायक सड़कों की मरम्मत एवं रखरखाव की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राज्य सरकार तथा रांची नगर निगम को नोटिस जारी किया।
चीफ जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव एवं जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने सरकार और निगम से कहा है कि इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए कब और कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं, इसकी विशिष्ट जानकारी अदालत को उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 5 मई को निर्धारित की है।
यह याचिका अधिवक्ता शुभम कटारुका ने दाखिल की है। उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी ओर से रांची शहर की सहायक सड़कों (ऑग्जिलियरी एंड सर्विस रोड) की जो सूची दी गई थी, उसकी स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया, उस पर कोई जवाब नहीं आया है। सरकार ने इस संबंध में जो शपथ पत्र दाखिल किया है, उसमें रांची की कुछ मुख्य सड़कों को दुरुस्त करने की बात कही गई है। लेक रोड, लालजी हिरजी रोड, विष्णु टॉकीज लेन, मधुकम रोड, सेवा सदन पथ, टैगोर हिल रोड, लालपुर-कोकर रोड जैसी सड़कों की स्थिति में सुधार को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि रांची की मुख्य सड़कों को छोड़ दें, तो बाकी ज्यादातर सड़कों की हालत खराब है। बड़ा तालाब के चारों ओर से गुजरने वाली सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इस रूट से मरीज को लेकर एंबुलेंस को आने में काफी परेशानी होती है। अपर बाजार इलाके की सड़कों पर ट्रैफिक का बहुत दबाव है, लेकिन उनकी हालत बेहद खराब है। आए दिन इन सड़कों पर दुर्घटनाएं होती हैं। कई सड़कें ऐसी हैं, जिनकी स्थिति मानसून के सीजन में और हल्की बारिश की स्थिति में बदतर हो जाती है। रांची नगर निगम और पथ निर्माण विभाग सिर्फ इनकी मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है।
Leave feedback about this