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बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में झारखंड हाईकोर्ट की केंद्र और राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी

Jharkhand High Court's harsh comment on central and state government in Bangladeshi infiltration case

रांची, 8 अगस्त । झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के संथाल परगना इलाके में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के मामले में केंद्र और राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है।

हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा है। लेकिन, निर्देश के बावजूद न तो केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में शपथ पत्र दाखिल किया गया और न ही झारखंड के छह जिलों के उपायुक्तों ने रिपोर्ट जमा की।

हाईकोर्ट ने बांग्लादेश में उथल-पुथल का उल्लेख करते हुए मौखिक तौर पर कहा कि क्या कार्रवाई तब होगी, जब घुसपैठिए हमारे देश के अंदर चले आएंगे?

झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडी) के महानिदेशक को प्रतिवादी बनाया है। इन सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो से इस विषय पर सीलबंद रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस मामले में गृह सचिव से भी जवाब मांगा जा सकता है और उन्हें कोर्ट में बुलाया जा सकता है।

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा, “भारत में घुसपैठियों को रोकने के लिए बॉर्डर पर बीएसएफ को कड़ी निगरानी करनी पड़ेगी। कोर्ट ने पूर्व के आदेश के बावजूद झारखंड के छह जिलों के उपायुक्त (डीसी) द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अब तक जवाब क्यों नहीं आया है?”

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी ढंग से आधार और वोटर कार्ड बना रहे हैं और वहां की भोली-भाली आदिवासी लड़कियों से शादी कर उनकी जमीन पर कब्जा कर कर रहे हैं।

इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक कहा, “संथाल परगना के इलाकों में औचक निरीक्षण कर लोगों के यूआईडी एवं वोटर कार्ड की जांच करनी चाहिए ताकि घुसपैठियों की पहचान हो सके। किसी भी हाल में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तुरंत निकालना जरूरी है। राज्य सरकार को झारखंड के सीमावर्ती इलाके में पुलिस फोर्स को मजबूत करना होगा और केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सख्त निगरानी रखनी होगी।”

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