June 18, 2025
National

झारखंड शराब घोटाला : एसीबी ने पूर्व उत्पाद आयुक्त रिटायर्ड आईएएस अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया

Jharkhand liquor scam: ACB arrests former excise commissioner retired IAS Amit Prakash

झारखंड के शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने राज्य के पूर्व उत्पाद आयुक्त सेवानिवृत्त आईएएस अमित प्रकाश को मंगलवार की शाम गिरफ्तार कर लिया। उनके ऊपर विभागीय मंत्री को जानकारी दिए बिना दो शराब कंपनी को बकाया भुगतान करने का आरोप है।

अमित प्रकाश झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के महाप्रबंधक के पद पर भी कार्यरत रहे थे और 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे।

अमित प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय मंत्री को जानकारी दिए बगैर झारखंड में वर्ष 2022 में थोक शराब आपूर्ति करने वाली छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों को नवंबर 2024 में करीब 11 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया भुगतान कर दिया था। यह भुगतान तब किया गया था, जब इनमें से एक कंपनी के खिलाफ जांच चल रही थी।

झारखंड शराब घोटाले में यह छठी गिरफ्तारी है। इसके पूर्व एसीबी ने उत्पाद विभाग के पूर्व सचिव आईएएस विनय कुमार चौबे, संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के वित्त महाप्रबंधक के पद पर तैनात रहे सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार और शराब दुकानों के लिए मैनपावर सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा. लि. के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार को गिरफ्तार किया था।

एसीबी की अब तक की जांच में झारखंड में हुए शराब घोटाले में सरकार को 38 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की बात सामने आई है। जांच का दायरा बढ़ने पर यह रकम और बढ़ने का अनुमान है। झारखंड के शराब घोटाले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आ चुकी है।

आरोप है कि झारखंड में वर्ष 2022 में लागू हुई उत्पाद नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए, जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा मिला। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के सहयोग से सिंडिकेट ने मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ।

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