झारखंड आज 15 नवंबर को अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य राजकीय समारोह आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा पूरे राज्य भर में कई कार्यक्रम हो रहे हैं।
वर्ष 2000 में इसी तारीख को देश के नक्शे पर 28वें राज्य के रूप में इसका उदय हुआ था। बिहार के 18 जिलों को विभाजित कर यह नया राज्य बनाया गया था। यह तारीख इसलिए भी खास है कि 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है। स्वतंत्रता संग्राम और आदिवासी अस्मिता के इस अमर नायक के नेतृत्व में हुए उलगुलान ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी। उनकी ही स्मृति में राज्य की स्थापना की तारीख 15 नवंबर तय की गई थी।
बिहार को विभाजित कर अलग झारखंड राज्य बनाने का ऐतिहासिक बिल संसद ने 2 अगस्त, 2000 को पारित किया था। केंद्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसकी पहल की थी। इसके पहले लगभग पांच दशकों तक चले आंदोलन के बाद बिहार विधानसभा ने अलग झारखंड राज्य के गठन का प्रस्ताव 22 जुलाई, 1997 को पारित किया था।
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड स्थापना की रजत जयंती पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड आज अपनी स्थापना के 25 गौरवशाली वर्ष पूर्ण कर रहा है, यह विभिन्न क्षेत्रों में हमारी प्रेरणादायक प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी की सुख-समृद्धि और राज्य की निरंतर उन्नति की कामना करता हूं।”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि धरती आबा बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हो, और फूलो-झानो की वीर भूमि हमारा झारखंड अपने गौरवपूर्ण 25 वर्ष पूरे कर रहे है। इन वर्षों में झारखंड ने संघर्ष से स्थिरता और स्थिरता से समृद्धि की प्रेरक यात्रा तय की है। इसे प्रगति पथ पर आगे ले जाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर काम करने का संकल्प लेना चाहिए।


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