रांची, 12 दिसंबर । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक चंपई सोरेन ने राज्य में झामुमो की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार पर गुरुवार को हमला बोला। उन्होंने सरकार पर कई मोर्चों पर नाकाम रहने का आरोप लगाया। झारखंड विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार खुद को यहां के आदिवासियों-मूलवासियों की ‘अबुआ सरकार’ (अपनी सरकार) बताती है, लेकिन यह तो उनकी ही जमीन को लूटने का रास्ता खोल रही है।
चंपई सोरेन ने कहा कि हम तो समझते थे कि इस सरकार में राज्य में आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा के लिए सीएनटी-एसपीटी (छोटानागपुर एवं संथाल परगना टेनेंसी) एक्ट सख्ती से लागू होगा। ऐसा होने से पता चलता कि कौन लोग बांग्लादेश से आकर यहां जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। वह तो नहीं हुआ, अब राज्यपाल के अभिभाषण में कहा गया है कि खास महल, गैरमजरूआ और गोचर जमीन की भी बंदोबस्ती होगी। अगर जमीनों की इस तरह खुले तौर पर बंदोबस्ती हुई तो इससे यहां की सामाजिक व्यवस्था और बिगड़ेगी। भाजपा ने 2017 में गैरमजरुआ जमीन की बंदोबस्ती और रसीद काटने पर रोक लगा दी थी। अब यह सरकार इसपर रोक हटाने जा रही है। इससे आदिवासियों की जमीन की लूट होगी और केवल नाम का अबुआ राज रहेगा।
राज्य के कोल्हान प्रमंडल के गोईलकेरा और गुदरी में ग्रामीणों द्वारा उग्रवादी बताकर कई लोगों की हत्या की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि यह सरकार की बहुत बड़ी नाकामी है। कोल्हान के जंगल-पहाड़ क्षेत्र में जनता बड़ी मुश्किल से जीवन जी रही है। वहां के ग्रामीण असामाजिक तत्वों के विरोध में एकजुट होकर लड़ रहे हैं। यह काम सरकार को करना चाहिए था। आज वहां के लोग जान हथेली पर लेकर ऐसे तत्वों का विरोध कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा को रद्द करने की छात्रों की मांग का समर्थन किया। परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की सीबीआई जांच से इनकार करने के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बयान पर उन्होंने कहा कि वह तो उनकी इच्छा है, लेकिन सरकार को छात्रों की बातों को सुनना चाहिए। छात्र-युवा इस राज्य के भविष्य हैं, इसलिए हम उनके साथ खड़े हैं।
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