तिरुवनंतपुरम, 23 दिसंबर । प्रसिद्ध मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम. टी. वासुदेवन नायर की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। बता दें कि उनका कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अस्पताल के सूत्रों के अनुसार नायर पर दवाइयों का कुछ खास असर हो नहीं रहा है। वहीं उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं के लिए कोझिकोड के बेबी मेमोरियल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल के अधिकारियों ने उनके स्वास्थ्य में मामूली सुधार देखा है। नायर पर उपचार का सीमित असर ही देखने को मिल रहा है। हालांकि, अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन में इस बात पर जोर दिया गया है कि उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
कई प्रमुख हस्तियां इस बहुचर्चित साहित्यिक हस्ती के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंच रही है।
बता दें कि पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित नायर को मलयालम साहित्य और सिनेमा का प्रतीक माना जाता है।
उन्होंने पटकथा लेखन के लिए चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं और सात फिल्मों का निर्देशन किया है, जबकि उन्होंंने लगभग 54 फिल्मों की कहानी लिखी है।
उनकी कहानियां अब पुस्तक के रूप में उपलब्ध हैं, जो महत्वाकांक्षी फिल्म निर्माताओं के लिए आवश्यक मानी जाती हैं।
पिछले कुछ वर्षों में नायर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलर पुरस्कार, वल्लथोल पुरस्कार, एझुथचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओ.एन.वी. साहित्य पुरस्कार शामिल हैं।
2013 में, उन्हें मलयालम सिनेमा में आजीवन उपलब्धि के लिए जे.सी. डैनियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2022 में उन्हें केरल सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान, केरल ज्योति पुरस्कार मिला।
1995 में नायर को साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया। उन्होंने कई वर्षों तक मातृभूमि साप्ताहिक के संपादक के रूप में भी काम किया।
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