हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज यहां कहा कि जब भूपेन्द्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे तो राज्य में भय, भ्रष्टाचार और भेदभाव का माहौल था।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में चपरासी से लेकर एचसीएस अधिकारी तक की नौकरियां बेची गईं। उन्होंने कहा कि सभी पदों की दरें तय थीं और एजेंटों और बिचौलियों के माध्यम से प्रत्येक नौकरी के लिए 2 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक वसूले गए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस शासन के दौरान बीबीसी-बदली (स्थानांतरण), भर्ती (भर्ती) और भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) व्यवस्था प्रचलित थी।
केंद्रीय मंत्री ने लोगों को ‘हुड्डा गैंग’ से सावधान रहने को कहा, जिसने राज्य में भाजपा के कार्यकाल के दौरान भर्ती प्रक्रिया में बाधाएं पैदा की थीं।
खट्टर ने सोमवार को रोहतक में प्रबुद्ध समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “फिर भी, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हुड्डा सरकार के दो लगातार कार्यकालों के दौरान लगभग 82,000 सरकारी नौकरियां दी गईं। भाजपा शासन ने हमारे दो कार्यकालों में योग्यता के आधार पर और पारदर्शिता के साथ लगभग 1.46 नौकरियां प्रदान की हैं। 25,000 और नौकरियां पाइपलाइन में हैं।”
खट्टर ने कहा, “जब भी कोई व्यक्ति सरकारी अधिकारियों के पास जाता था, तो वे उसका माथा देखने के बाद ही उसे तिलक लगाते थे।” उन्होंने संकेत दिया कि लोगों के साथ उनकी जाति के आधार पर व्यवहार किया जाता था।
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