December 13, 2025
National

जॉन ब्रिटास ने विदेश मंत्री को लिखी चिट्ठी, ओवरसीज मोबिलिटी बिल के क्लॉज 12 को हटाने की मांग की

John Brittas writes to the Foreign Minister, demanding the removal of Clause 12 of the Overseas Mobility Bill

राज्यसभा के माकपा सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को एक पत्र लिखकर ओवरसीज मोबिलिटी (फैसिलिटेशन एंड वेलफेयर) बिल, 2025 के ड्राफ्ट में शामिल क्लॉज 12 को पूरी तरह वापस लेने की जोरदार अपील की है। यह बिल पुराने इमिग्रेशन एक्ट, 1983 की जगह लेने वाला है। डॉ. ब्रिटास ने अपने पत्र में इस क्लॉज को संवैधानिक रूप से खतरनाक और नीतिगत दृष्टि से गलत बताया है।

डॉ. ब्रिटास ने पत्र में कहा कि क्लॉज 12 केंद्र सरकार को भारतीय नागरिकों की विभिन्न श्रेणियां बनाने और किसी खास देश में उनके प्रवास पर विशेष प्रक्रिया या पाबंदी लगाने की असीमित शक्ति देता है। यह शक्ति बिना किसी स्पष्ट दिशानिर्देश के दी गई है, जिससे सरकार अपनी मर्जी से फैसले ले सकती है। सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो सकता है। आधार जाति, धर्म, क्षेत्र या सामाजिक-आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे हो सकते हैं। बिना किसी कानूनी सुरक्षा या निष्पक्ष मानकों के यह प्रावधान भेदभाव को बढ़ावा देगा और मनमानी का दरवाजा खोलेगा।

सांसद ने जोर देकर कहा कि यह क्लॉज संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करता है। अनुच्छेद 14 कानून के सामने समानता की गारंटी देता है, जबकि 15 भेदभाव पर रोक लगाता है। अनुच्छेद 21 निजी स्वतंत्रता और जीवन की रक्षा करता है, और 25 धर्म की आजादी सुनिश्चित करता है।

डॉ. ब्रिटास के अनुसार, यह प्रावधान राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कार्यपालिका को अत्यधिक नियंत्रण देगा, जो खास क्षेत्रों, धर्मों या समुदायों को निशाना बनाने का जरिया बन सकता है। इससे कमजोर समूहों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नियम लागू हो सकते हैं, बिना किसी अनुपातिकता या कानूनी जांच के।

उन्होंने पुराने इमिग्रेशन एक्ट, 1983 का उदाहरण देते हुए बताया कि उसमें नागरिकों को श्रेणियों में बांटने की कोई शक्ति नहीं थी। वहां सिर्फ देश-विशेष पाबंदियां लगाई जा सकती थीं, जो सभी पर समान रूप से लागू होती थीं और उनकी समय सीमा बेहद सख्त थी। नए बिल में क्लॉज 13 तो पुराने प्रावधानों को बनाए रखता है, लेकिन क्लॉज 12 एक नया और अनावश्यक अधिकार जोड़ता है, जो पहले कभी नहीं था। यह स्थापित कानूनी सिद्धांतों से पूरी तरह अलग है और कार्यपालिका की मनमानी को बढ़ावा देगा।

डॉ. ब्रिटास ने क्लॉज 12 को कार्यपालिका की शक्तियों का खतरनाक विस्तार बताया और विदेश मंत्रालय से इसे हटाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रवासी मजदूरों की भलाई और सुरक्षा को संवैधानिक तरीके से मजबूत किया जाए, लेकिन भेदभावपूर्ण प्रावधानों से बचते हुए। इससे कमजोर कामगारों की रक्षा हो सकेगी, बिना किसी समुदाय को निशाना बनाए।

Leave feedback about this

  • Service