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झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में पूर्व मंत्री आलमगीर सहित नौ आरोपियों की न्यायिक हिरासत 29 जून तक बढ़ी

Judicial custody of nine accused including former minister Alamgir extended till June 29 in Jharkhand's tender commission scam.

रांची, 15 जून। रांची के पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद राज्य सरकार के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम सहित सभी नौ आरोपियों की न्यायिक हिरासत और 14 दिनों के लिए 29 जून तक बढ़ा दी है।

अन्य आरोपियों में तत्कालीन मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल, घरेलू सहायक जहांगीर आलम, झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम शामिल हैं।

शनिवार को इन सभी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई।

बता दें कि ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले को लेकर ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के ठिकानों पर वर्ष 2023 के फरवरी में छापेमारी की थी। इस दौरान खुलासा हुआ था कि विभाग में टेंडर के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है।

ईडी ने उनकी 39.28 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली थीं। मामले की जांच आगे बढ़ने पर बीते 6-7 मई को मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल, घरेलू सहायक जहांगीर आलम सहित कई अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गई और इस दौरान कुल मिलाकर करीब 37 करोड़ कैश बरामद किया गया।

इनसे पूछताछ के बाद घोटाले में तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम की संलिप्तता सामने आई। उनसे भी ईडी ने दो दिनों तक पूछताछ की और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था। ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने उक्त सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिए थे।

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