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कैथल: 151 गांवों के लिए स्वच्छता निधि की हेराफेरी करने के आरोप में 7 लोग गिरफ्तार

Kaithal: 7 people arrested for embezzling sanitation funds for 151 villages

कैथल, 29 मई कैथल में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने फर्जी बिल बनाकर विकास निधि के गबन में संलिप्तता के आरोप में पंचायती राज विभाग के तीन अधिकारियों और चार ठेकेदारों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

फर्जी बिलों के आधार पर 15.8 करोड़ रुपये का गबन गिरफ्तार लोगों में पंचायती राज विभाग के तीन अधिकारी और चार ठेकेदार शामिल हैं कैथल के विधायक लीला राम ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मई 2021 में जिले को 151 गांवों में विकास कार्यों के लिए पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए अनुदान के तहत 31.64 करोड़ रुपये मिले थे। कुल अनुदान में से 50 प्रतिशत राशि स्वच्छता कार्यों के लिए आवंटित की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने ठेकेदारों की मदद से फर्जी बिल बनाकर 15.82 करोड़ रुपये का गबन किया

कैथल के विधायक लीला राम की शिकायत पर एसीबी द्वारा जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मई 2021 में कैथल जिले को 151 गांवों में विकास कार्यों के लिए पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए अनुदान के तहत 31.64 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई थी।

कुल अनुदान में से 50 प्रतिशत राशि स्वच्छता कार्य के लिए आवंटित की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने ठेकेदारों की मदद से फर्जी बिल, वाउचर और अन्य दस्तावेज तैयार करके 15.82 करोड़ रुपये का गबन किया, जो आवंटित राशि का 50 प्रतिशत है।

एसीबी के इंस्पेक्टर महिंदर सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तत्कालीन एसडीओ और वर्तमान एक्सईएन नवीन कुमार, जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत सिंह और चार ठेकेदारों दिलबाग ढुल, राजेश गर्ग, अनिल गर्ग और अभय सिंह के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि एसीबी ने आईपीसी की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (ए), 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जांच में पता चला कि फरवरी 2021 से 20 मार्च 2021 के बीच विभाग ने 151 गांवों में सफाई कार्यों के लिए टेंडर जारी किए। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने मिलीभगत कर फर्जी बिल, वाउचर और मस्टर रोल बनाकर 15.82 करोड़ रुपये का गबन किया, केवल 30 फीसदी काम किया, लेकिन फर्जी तरीके से 100 फीसदी काम पूरा दिखाया।

उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि एसडीओ नवीन कुमार को अपने निजी खाते में 78 लाख रुपये, जेई जसबीर सिंह को 27 लाख रुपये तथा नौ ठेकेदारों के खातों में 9.16 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। उन्होंने बताया कि आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा तथा इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता जानने के लिए पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आरोपियों को जांच में शामिल होने के लिए कार्यालय बुलाया गया था और उनके खिलाफ सबूत पाए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

इंस्पेक्टर महिंदर सिंह ने कहा कि जांच चल रही है, तथा आगे और गिरफ्तारियां तथा खुलासे होने की उम्मीद है, क्योंकि ब्यूरो गबन की पूरी सीमा का पता लगा रहा है।

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