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काजोल ने कर्नाटक सरकार के ‘राइट टू डाई विद डिगनिटी’ कानून को बताया ऐतिहासिक

Kajol calls Karnataka government's 'Right to Die with Dignity' law as historic

कर्नाटक सरकार ने शनिवार को ‘सम्मान के साथ मरने का अधिकार’ (राइट टू डाई विद डिग्निटी) कानून लागू कर दिया है, जिस पर अभिनेत्री काजोल ने प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर काजोल ने इसे “ऐतिहासिक कदम” बताया।

काजोल सोशल मीडिया पर किसी भी मुद्दे पर बेबाकी के साथ अपनी राय रखती हैं। चाहे प्रोजेक्ट्स से जुड़ी खबर हो या फैमिली इवेंट, वह प्रशंसकों के साथ नए-नए पोस्ट शेयर करती रहती हैं।

अभिनेत्री ने कर्नाटक में लागू नए कानून की सराहना करते हुए इंस्टाग्राम के स्टोरीज सेक्शन में इसे ऐतिहासिक कदम बताया। एक न्यूज पेपर की कटिंग को शेयर करते हुए अभिनेत्री ने कैप्शन में लिखा, “एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए कर्नाटक भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए ‘सम्मान के साथ मरने के अधिकार’ के लिए कानूनी ढांचा तैयार किया। यह कानून एक समाधान के तौर पर मानवीय, कानूनी रूप से स्वीकृत प्रक्रिया देता है।“

इसके साथ ही अभिनेत्री ने साल 2022 में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘सलाम वेंकी’ का भी जिक्र किया। ‘सलाम वेंकी’ का निर्देशन रेवती ने किया था।

फिल्म वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है, जो एक मां (काजोल) और उसके बेटे (विशाल जेठवा) जो ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित रहता है की कहानी को पर्दे पर दिखाती है।

‘सलाम वेंकी’ में मरीज सम्मानजनक मौत के लिए सिस्टम से कानूनी रूप से लड़ाई लड़ता है।

वहीं, शेयर की गई न्यूज पेपर कटिंग में लिखा था, “कर्नाटक सरकार ने गंभीर रूप से बीमार लोगों को ‘सम्मान के साथ मरने का अधिकार’ दिया है।

बता दें, कर्नाटक इस कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस कानून के तहत गंभीर रूप से बीमार या लाइलाज रोग से पीड़ित मरीज यह निर्णय ले सकते हैं कि वह अपने इलाज (दवाइयों या वेंटिलेटर) को जारी रखना चाहता है या नहीं।

इस बीच वर्कफ्रंट की बात करें तो काजोल ‘दो पत्ती’ में नजर आई थीं, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई थी। फिल्म में कृति सेनन डबल रोल में नजर आई थीं।

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